Economic Inequality Report: अगर दुनिया के सबसे अमीर लोगों पर बस 5% टैक्स भी लगाया जाए, तो उनके पास से इतना पैसा आएगा, जिससे दुनियाभर के अरबों लोगों को गरीबी से उठाने में मदद मिल सकेगी. वहीं, अगर भारत के कुछ अमीर लोगों (Indian Billionaires) पर इतना टैक्स लगे तो वो देशभर के उन सभी बच्चों को स्कूल भेज सकते हैं, जिनके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं कि वो उन्हें स्कूल भेज सकें. Oxfam ने 16 जनवरी, 2023 को आर्थिक असमानता पर अपनी ताजा रिपोर्ट "Survival of the richest" पेश की है. ऑक्सफैम ने एजुकेशन फंडिंग के पहलू से इस रिपोर्ट में बताया है कि अगर अल्ट्रा रिच लोगों के लिए टैक्सेशन सिस्टम लाया जाए तो यह कितना बड़ा बदलाव ला सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे धनी 10 भारतीयों की कुल संपत्ति 27 लाख करोड़ रुपए है. पिछले साल से इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह संपत्ति स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालय के 30 वर्ष के बजट, शिक्षा मंत्रालय के 26 वर्ष के बजट व मनरेगा के 38 वर्ष के बजट के बराबर है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अकेले 2022 में अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 166 हो गई. देश की 40% संपत्ति 1 प्रतिशत अमीरों के पास है. वहीं, जो बॉटम हाफ पॉपुलेशन है, उसके पास महज 3 फीसदी संपत्ति है. अगर इन अरबपतियों में से 100 अरबपतियों पर 2.5% टैक्स लगाया जाए तो इससे देश के सभी बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है.

टॉप के 10 अरबपतियों पर टैक्स लगाएं तो क्या हो सकता है?

अगर बस टॉप के 10 अरबपतियों को फोकस में रखकर आंकड़े देखें तो हैरानी होगी. भारत में 15 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पाते क्योंकि उनके पास शिक्षा का वहन करने के लिए पैसे नहीं हैं. देश के सभी बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए देश में 1.4 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. अगर देश के टॉप 10 अरबपतियों पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाए तो सभी बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है. अगर भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी के ऊपर बस 2% टैक्स लगाया जाए तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि देश के प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों को उनकी सैलरी दी जा सकती है.

इसके अलावा, 10 अरबपतियों पर 5 फीसदी टैक्स लगाने पर अगले पांच सालों में आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का खयाल रखा जा सकता है. यहां तक कि अगर 100 अरबपतियों पर 1 से 5 फीसदी के अंदर टैक्स लगाएं तो कुपोषण सहित भारत की कई समस्याएं दूर हो जाएंगी. भारतीय अरबपतियों पर 3 पर्सेंट टैक्स लगाने पर वो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अगले तीन सालों के लिए 37,800 करोड़ का फंड दे सकते हैं.

Oxfam India के CEO अमिताभ बेहर ने कहा कि “धनी वर्ग के पक्ष में खड़ी व्यवस्था में सीमान्त के लोग- दलित, आदिवासी, मुस्लिम, महिलाएं, अनौपचारिक क्षेत्र के मेहनतकश- बढ़ती कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि धनी वर्ग पर टैक्स बढ़ाकर उनसे एक हिस्सा प्राप्त किया जाए. हम वित्त मंत्री से अपील करते हैं कि वे वेल्थ टैक्स और इन्हेरिटेंस टैक्स जैसे टैक्स लाएं जिससे विषमता कम हो.”

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