सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर PM मोदी ने ली एकता की शपथ, गुजरात में कई थीम पर निकाली गई परेड
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर PM मोदी गुजरात पहूंचे हैं. इस मौके पर पीएम ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और एकता की शपथ ली.
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर PM मोदी गुजरात पहूंचे हैं. इस मौके पर पीएम ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और एकता की शपथ ली. इस मौके पर गुजरात के एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के दौरान चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ कार्यक्रम में कहा- कि देश के लिए अगले 25 वर्ष बेहद महत्वपूर्ण हैं.
दुनिया भारत की सराहना कर रही
गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "दुनिया भारत की सराहना कर रही है. हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है. हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं. हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं.
अपनी विरासत का संरक्षण कर रहा भारत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है. हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं. भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है. गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है. IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है. इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है.
एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है हर व्यक्ति
इस मौके पर पीएम ने कहा, जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है."गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आप सभी युवाओं का जांबाजों का ये उत्साह राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है. एक तरह से मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है. राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है."