देश की दिग्गज इलेक्ट्रिक व्हीकल ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) की परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की ओर से पहले ही कंपनी के खिलाफ मिल रही शिकायतों का निपटारा करने वाले मामले में जांच शुरू कर दी गई है लेकिन अब ताजा अपडेट ये है कि ओला इलेक्ट्रिक को लगी आंच अब इंडस्ट्री तक पहुंच गई है. ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक के मामले के बाद अब इंडस्ट्री में दूसरी इलेक्ट्रिक कंपनियों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ग्राहकों की शिकायतों के आधार पर CCPA ने दूसरी ईवी प्लेयर्स को नोटिस भेजने की तैयारी की है. 

OLA Electric की आंच फैली

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ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, सीसीपीए की ओर से बहुत जल्द दूसरे ईवी प्लेयर्स (EV Company) को नोटिस भेजा जाएगा. इसके अलावा एक प्लेयर को 15 दिनों में नोटिस भेजा जाएगा. ये नोटिस सीसीपीए की ओर से भेजा जाएगा. इसके बाद प्रोडक्ट और सर्विस के आधार पर जांच शुरू की जाएगी. 

CCPA ने शुरू की विस्तृत जांच

बता दें कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की ओर से ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ मिली ग्राहकों की शिकायतों वाले मामले की जांच शुरू कर दी गई है. हाालांकि 21 अक्टूबर 2024 को ओला इलेक्ट्रिक की ओर से CCPA को कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया गया था, जिसमें बताया गया था कि कंपनी को मिली कुल शिकायतों में से 99.10 फीसदी शिकायतों का निपटारा हो गया है जबकि ऐसा नहीं हुआ है. 

CCPA ने कहा कि जांच में पाया गया है कि लगभग 80 फीसदी शिकायतें जस की तस हैं. यानी कि इतनी शिकायतों का निपटारा नहीं किया गया है. जबकि कारण बताओ नोटिस में कंपनी ने बताया था कि कुल मिली शिकायतों में से 99.10 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है. 

ओला ने फाइलिंग में दी थी जानकारी

फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक, CCPA को 10,644 शिकायत प्राप्त हुई हैं. इसमें 99.1 फीसदी शिकायतों का समाधान अपने मजबूत सिस्टम के जरिए किया है. इसमें ग्राहकों की संतुष्टि पर भी खास ध्यान दिया गया है. गौरतलब है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कैब एग्रिग्रेटर ओला को निर्देश दिया था कि वो ग्राहकों को रिफंड का तरीका चुनने का ऑप्शन दें. CCPA के मुताबिक ओला अपनी "नो-क्वेश्चन-आस्क्ड" रिफंड नीति के तहत सिर्फ कूपन कोड देता था, यह ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन है.