रियल्टी सेक्टर इन दिनों मंदी की मार से जूझ रहा है. सरकार द्वारा साल 2022 तक हर आदमी को घर देने के लक्ष्य के बाद भी प्रॉपर्टी मार्केट में उछाल नहीं आ रहा है. दिल्ली-एनसीआर में भी तमाम प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. प्रॉपर्टी सेक्टर में आई इस गिरावट का असर बिल्डरों पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही सरकार को भी रिवेन्यू की भी चपत लग रही है. लोगों को जमीन खरीदने के लिए आकर्षित करने के लिए गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने जमीनों के सर्किल रेट कम करने का फैसला किया है. 

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गौतमबुद्धनगर नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि प्रशासन ने जिले में जमीन के सर्किल रेट कम करने का फैसला किया है. सर्किल रेट कम होने से कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्लॉट के दाम कम हो जाएंगे. प्रशासन के इस फैसले ने नए घर खरीदारों को भी फायदा होगा. 

उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों का विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सर्किल रेट में कमी कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कॉमर्शियल प्रोजेक्ट गौतमबुध नगर में लग सकें. 

 

उन्होंने बताया कि साल में एक बार न्यूनतम मूल्य का निर्धारण होता है. जिले में हो रही आर्थिक गतिविधियों का ध्यान रखना पड़ता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल जनपद के राजस्व में काफी कमी आई है. 

जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले महीने तक 1500 करोड़ रुपये जेवर एयरपोर्ट के लिए किसानों को दिए जा चुके हैं. आगे अभी 3 से 4 हजार करोड़ का भुगतान और किया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि राजस्व बढ़ाने के लिए सर्किल रेट में कमी लाई जाएगी. उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर को चार भागों में बांटा जा सकता है. पहला नोएडा, दूसरा ग्रेटर नोएडा, तीसरा दादरी, और चौथा जेवर. 

फिलहाल पूरे गौतमबुद्ध नगर में अलग-अलग सर्किल रेट है. इसलिए सभी जगहों पर एक रेट करने की जरूरत हो रही थी. हाउसिंग सेक्टर में considiration अमाउंट और सर्किल रेट में गैप अधिक नहीं था.  

जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार जो 6 फीसदी का सरचार्ज लगाया जा रहा था, उसे हटा दिया गया है और सर्किल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. उन्होंने बताया कि सर्किल रेट बढ़ने से कॉमर्शियल इलाकों का टारगेट पूरा नहीं हुआ है. आलम यह है कि अथॉरिटी में पिछले 4 सालों में कोई एकल भूखंड नहीं बिक है. बड़ी यूनिट नहीं बिक रही हैं. सिर्फ छोटी-छोटी दुकानें बिक रही हैं. नोएडा के लिए मॉल में लगने वाला 25 फीसदी का सरचार्ज खत्म किया जा रहा है. जितने भी कॉमर्शियल प्रोजेक्ट हैं उसमें फ्लोर वाइस 21 परसेंट की कमी की जा रही है.

(रिपोर्ट- पवन त्रिपाठी)