"आपका रायता हम साफ कर रहे हैं...", जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की लोकसभा स्पीच की बड़ी बातें
Finance Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष को जमकर घेरा.
Finance Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha: संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala SItharaman) ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार की नीतियों का बचाव करते हुए पिछले 9 साल में सरकारी की उपलब्धियों को गिनाया . उन्होंने पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का विकास केवल बयानबाजी के बजाए काम करके हासिल किया जाता है. पहले की सरकारों ने आम आदमी को केवल सपने दिखाए, जिन सपनों को हम आज पूरा कर रहे हैं.
ग्लोबल संकट में भारत मजबूत
सीतारमण ने लोकसभा में अपने बयान की शुरुआत में हाई इंफ्लेशन रेट और सुस्त विकास सहित बाकि ग्लोबल चुनौतियों पर जोर देकर कहा कि दुनिया भर के देशों के लिए इस दौरान कई महत्वपूर्ण बाधाएं पैदी की. उन्होंने कुछ विकसित देशों की गंभीर स्थितियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने लगातार 14 बार ब्याज दरें बढ़ाई हैं और यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने इंफ्लेशन को देखते हुए ब्याज दरें 9 बार बढ़ाई हैं. ये 23 साल में सबसे अधिक है.
वहीं, भारत की स्थिति पर सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक प्रतिकूलताओं के बावजूद, भारत की इकोनॉमी ने सराहनीय ग्रोथ हासिल की है. भारत की इकोनॉमिक फॉर्च्यून में बदवाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को 'फ्रेजाइल इकोनॉमी' कहा था, जिसने अब की स्थिति को सुधारते हुए इसे ऊंची रेटिंग दी है.
कोरोना का डटकर सामना किया
निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, भारत 2022-23 में उल्लेखनीय 7.2% वास्तविक जीडीपी वृद्धि दिखाते हुए सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. इसलिए, भारत अपने भविष्य के विकास को लेकर आशावादी और सकारात्मक होने की एक दुर्लभ स्थिति में है. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में लचीलेपन और आशावाद पर जोर दिया गया जो भारत के वर्तमान आर्थिक प्रक्षेप पथ की विशेषता है.
सरकार ने लॉन्च की ये योजनाएं
उन्होंने समावेशी विकास के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए "जन धन योजना," "डिजिटल इंडिया मिशन," "आयुष्मान भारत," और "जन औषधि केंद्र" जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जो देश के आम नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं. वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व और "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के सिद्धांतों के प्रति सरकार के अटूट समर्पण की सराहना की. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का कोविड-19 संकट से उबरना न केवल प्रभावी नीतियों का प्रमाण है, बल्कि प्रगति और लचीलेपन के पथ पर आगे बढ़ने के देश के दृढ़ संकल्प का भी प्रतिबिंब है.
वित्त मंत्री ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 'गरीबी हटाओ' नारे का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या वास्तव में गरीबी हटाई जा सकती है. विपक्ष पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कि अपनी सरकारों में आपने लोगों को केवल सपने दिखाएं. यूपीए की सरकारों में लोग कहते थे- 'बिजली आएगी'. अब लोग कहते हैं कि 'बिजली आ गई'. पहले लोग कहते थे कि पोर्ट बनेगा, एयरपोर्ट बनेगा.... जबकि अब लोग कहते हैं कि पोर्ट बन गया, एयरपोर्ट बन गया.
बैंकों को लेकर उन्होंने कहा कि"आपका फैलाया हुआ रायता हम साफ कर रहे हैं."
I.N.D.I.A पर बोली वित्त मंत्री
विपक्षी दलों के गठबंधन को I.N.D.I.A नाम दिए जाने पर उन्होंने कहा कि ये नाम बदलकर विपक्षी अपनी असली पहचान छिपा रहे हैं. UPA से लोगों को उनके पुराने भ्रष्टाचार याद आते हैं. उन्होंने पूछा कि ये गठबंधन आपस में लड़ रहे हैं या एक साथ लड़ रहे है? पंजाब से लेकर केरल तक इस गठबंधन के लोग एक दूसरे के खिलाफ ही लड़ रहे हैं.