12 घंटे में पूरा होगा दिल्ली से मुंबई का सफर, एक्सप्रेस वे पर ये खास प्रोजेक्ट लेकर आ रही है सरकार
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे (Delhi Mumbai Expressway) के कंस्ट्रक्शन को पूरा करने को लेकर सरकार काफी तेजी से प्रयास रही है. अब एक्सप्रेस वे के किनारे स्मार्ट सिटी (Smart city) बनाने की संभावनाओं पर गौर कर रही है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे (Delhi Mumbai Expressway) के कंस्ट्रक्शन को पूरा करने को लेकर सरकार काफी तेजी से प्रयास रही है. अब एक्सप्रेस वे के किनारे स्मार्ट सिटी (Smart city) बनाने की संभावनाओं पर गौर कर रही है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय और PMO लेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और SME एमएसएमई मंत्री गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए Real Estate कंपनियों के संगठन नारेडको से कहा कि सरकार यह देख रही है कि क्या NHAI राजमार्ग (दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे) के किनारे एक टाउनशिप की योजना बना सकता है. इस बारे में मंत्रिमंडल का एक नोट लाया गया है.
बता दें कि 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना (Delhi Mumbai Expressway Project) 3 साल के भीतर पूरी होने वाली है. इस परियोजना से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा में लगने वाले समय के कम होकर महज 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है.
16 हजार करोड़ की बचत
गडकरी ने कहा कि सरकार ने इस परियोजना पर अकेले भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) के मोर्चे पर लगभग 16,000 करोड़ रुपये की बचत की है. इसे अब गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के पिछड़े और दूर-दराज के इलाकों से गुजारा जा रहा है.
3 गुना ज्यादा तेजी से काम
उनके मुताबिक सड़क निर्माण की योजना तेजी से बनाई जा रही है और पहले की तुलना में कम से कम तीन गुना ज्यादा तेजी से काम हो रहा है. दो साल में 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होने की संभावनाएं हैैं.
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406 प्रोजेक्ट लाइन पर
उन्होंने बताया कि 3.85 लाख करोड़ रुपये की कुल 406 रुकी हुई सड़क परियोजनाओं में अधिकांश को रास्ते पर ला दिया गया है. इनमें से केवल 40,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को ही कैंसिल किया गया है.
ये प्रोजेक्ट आएंगे
लॉजिस्टिक्स पार्क, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विलेज, कोल्ड स्टोरेज, सड़क निर्माण में काफी अवसर हैं, जहां डेवलपरों को कारोबार शुरू करने के लिये कुछ नये विचारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये. उन्होंने सीमेंट उद्योग में गुटबंदी में लगे लोगों को भी आगाह करते हुए चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऐसा करना बंद नहीं किया तो कोलतार की सड़कें बनाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि हम 40 प्रतिशत सीमेंट का इस्तेमाल करते हैं.