New Year Celebration 2023:  नए साल का बस कुछ ही दिनों में आगाज होने वाला है. नए साल पर हर कोई अपने परिवार और दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करना चाहता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आसिफ से छुट्टी न मिलने के कारण आप नहीं जा पाते. तो इस बार हम आपको दिल्ली के आसपास के जगहों के बारे में बता रहे हैं. जहां जाकर आप क्रिसमस या नए साल का जश्न मना सकते हैं.  ऐसे प्लेस पर जाने के लिए आपको ज्यादा पैसे की भी जरूरत नहीं होगी. दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं जहां आप 5000 से भी कम के बजट में बड़े मजे के साथ अपनी छुट्टियां बिता सकते हैं. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बहुत ही फेमस और कम बजट वाली जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं. तो आइए ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में जानते हैं... नीमराना फोर्ट(राजस्थान)- अरावली की पहाड़ियों पर स्थित 552 साल पुराना नीमराना किला भारत की सबसे ऐतिहासिक इमारतों में से एक है. इस किले का निर्माण सन 1464 में हुआ था. नीमराना फोर्ट होटल के रूप में इस्तेमाल की जा रही भारत की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारतों में से एक है.  इस खूबसूरत किले को राजा निमोला मेउ ने बनवाया था. शानदार, रोमांटिक, और आनंद से भरा इतना लोकप्रिय किला निश्चित रूप से नीमराना में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है. ताजमहल (आगरा)- ताजमहल भारतीय शहर आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर एक हाथी दांत-सफेद संगमरमर का मकबरा है. इसे 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां (1628 से 1658 तक शासन किया गया) ने अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज महल की मकबरे के लिए शुरू किया गया था.यह  दिल्ली से करीब 200 किमी दूर उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है.  इसके अलावा आप आगरा में पंचमहल, अंगूरी बाग, इतमात उद्दौला का मकबरा और आगरा का किला भी घूमने जा सकते हैं. यमुना नदी के तट पर बसा यह शहर अपने खान-पान के लिए भी काफी पसंद किया जाता रहा है. आपके लिए यह ट्रिप काफी यादगार हो सकता है. मथुरा-वृंदावन (उत्तर प्रदेश)- कृष्ण भक्तों के लिए मथुरा-वृंदावन की यात्रा हमेशा से काफी पसंदीदा रही है, नए साल की शुरुआत के लिए लोगों की यहां के मंदिरों में भारी भीड़ इकट्ठा होती है. आप बस से तीन-चार घंटे में यहां पहुंच सकते हैं. मथुरा के लाल पेड़े पूरे भारत में मशहूर हैं. यह पेड़े गाय के दूध से बनाये जाते हैं और साथ में दानेदार मावा भी डाला जाता है. चटनी और दही के साथ खाएं डुबकी वाले आलू– आलू की अलग अलग तरह की सब्जी तो आपने बहुत खाई होगी लेकिन मथुरा की डुबकी वाली आलू का स्वाद आपको केवल मथुरा में ही मिलेगा. हवा महल (जयपुर)- दिल्ली से करीब 300 किमी दूर स्थित जयपुर में घूमने के लिए कई जगहें हैं जैसे- हवा महल जिसे महाराजा सवाई सिंह ने बनवाया था. हवा महल को विशेष रूप से राजपूत सदस्यों और खासकर महिलाओं के लिए बनवाया गया था, ताकि शाही महिलाएं नीचे की गली में हो रहे रोजाना के नाटक नृत्य को देख सकें. साथ ही खिड़की से शहर का खूबसूरत नजारा भी.सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला और पिंक सिटी बाजार में भी आप घूम सकते हैं। ऋषिकेश (उत्तराखंड) ऋषिकेश- यह दिल्ली से करीब 270 किमी दूर है. ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेश द्वार माना जाता है. कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है. हर साल यहां के आश्रमों के बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं. यहां आप लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट, वशिष्ठ गुफा, नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा आप दिल्ली की कुछ खास जगह पर भी घूम सकते हैं. दिल्ली हाट-  यह जगह शॉपिंग के साथ-साथ कल्चरल प्रोग्राम देखने के लिए बेस्ट है. यहां पर भारत के अलग-अलग राज्यों के संस्कृति को देखने का मौका मिलता है. यहां अलग-अलग जगहों के पारंपरिक फूड का स्वाद भी ले सकते हैं.  दिल्ली हाट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह था कि बिचैलियों को हटाकर दस्तकारों को उनके उत्पाद का सीधा लाभ दिया जाए. दस्तकारों की माली हालत सुधारने के लिहाज़ से देश के कपड़ा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया था. यहां देश के विभिन्न राज्यों के खान-पान को भी एक स्थान पर मुहैया कराने की पहल की गई है. राजपथ- राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) से लेकर इंडिया गेट तक को नए साल पर रोशनी से शानदार तरीके से सजाया जाता है. इंडिया गेट (India Gate) को विशेष रूप से Lights के साथ सजाया जाता है. अगर आप फैमिली के साथ शांति से नए साल का स्वागत करना चाहते हैं तो फिर यहां जा सकते हैं. राजपथ दिल्ली का शाही मार्ग है. यह प्रसिद्ध राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर विजय चौक, इंडिया गेट होते हुए दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय तक जाता है. यह भारतीय गणतंत्र का समारोह मार्ग है. भारत के सबसे महत्वपूर्ण मार्गों में होने के साथ यह पेड़ों, तालाबों और हरे लॉन से दोनों ओर से घिरा है. लोधी गार्डन- पहले इस उद्यान का नाम लेडी विलिंगडन पार्क था. लेडी वेलिंगटन, वेलिंगटन के मार्क्वेस की पत्नी थी. इस उद्यान का 9 अप्रैल 1936 को लेडी वेलिंगटन ने इसका विधिवत उद्घाटन किया. इसी वजह से इसका नाम उस दौर में लेडी वेलिंगटन रखा गया. भारतीय स्वतंत्रता उपरांत इसका नाम बदल कर लोधी उद्यान रखा गया. इस गार्डन में कई स्मारक है, जिनमें मुहम्मद शाह और सिकंदर लोदी के मकबरों पर लोधी राजवंश की वास्तुशिल्प दिखाई देती है. पुराने साल के आखिरी दिन या फिर नए साल के पहले दिन कुछ लोग फैमिली के साथ शांति से इसे मनाना चाहते हैं. तो फिर लोधी गार्डन बेस्ट प्लेस है, जहां फैमिली के साथ पिकनिक मना सकते हैं. हौज खास- दिल्‍ली में स्थित हौज खास विलेज ट्रैवलिंग, डेटिंग, सेलिब्रेशन और लाइफ को बिंदास जीने वाले लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गया है. यह एक पॉश इलाका है, जिसे हौज खास विलेज के नाम से भी जाना जाता है. दोस्तों या परिवार के साथ आप दिल्ली के हौज खास जाकर नए साल को एक नए एक्सपीरियंस के साथ मना सकते हैं. यहां बेहतरीन खाना, ड्रिंक मिलता है. असल में अलाउद्दीन खिलजी ने पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए पानी का एक टैंक बनवाया था. जिसके नाम पर विलेज का नाम पड़ा है. आपको जानकर हैरत होगी कि ये गांव दिल्‍ली के बनने से पहले से है. लेकिन इसका इतिहास 1980 के बाद तेजी से बदला और इस जगह को हौज खास विलेज के रूप में जगह मिली. यह आज दुनिया का सबसे अमीर गांव कहलाता है.