कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के चलते पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) लागू है. इस लॉकडाउन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कोरोना को हराने में यही एक कारगर तरीका है. लॉकडाउन में वैसे तो सरकार और समाजसेवी संगठन बढ़-चढ़ कर लोगों की मदद कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में पुलिस (Delhi Police) अपनी जान की परवाह किए बिना जरूरतमंदों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. 

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दरअसल देश में चल रहे इस लॉकडाउन में जिस तरह से दिल्ली पुलिस दिल्ली के लोगों की मदद के लिए सामने आई है उसने दिल्ली पुलिस का मानवीय चेहरा लोगों के सामने लाया है. दिल्ली पुलिस ने लोगों की मदद के लिए एक अभियान भी शुरू किया है और इसका नाम दिया है- 'दिल्ली पुलिस, दिल की पुलिस। जो दिल से करे, देश का काम.'

ग़रीब लोगों को खाना खिलाना हो, सड़क पर ज़रूरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम हो या फिर बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखना  हो, हर काम दिल्ली पुलिस ने दिल से किया है. और यहीं वजह है कि दिल्ली के लोगों को पुलिस का एक नया चेहरा देखने को मिला है.

दिल्ली पुलिस अपने खर्चे पर खाना बनवाकर जरूरतमंदों में बांटने का काम भी कर रही है. खास बात ये है कि खाना बनाने में भी महिला सिपाही लगी हुई हैं. 

दिल्ली में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पुलिस वालों की इंसानियत की मिसाल देती तस्वीरें सामने आई हैं. जामिया नगर के जोगाबाई एक्सटेंशन में प्रसव पीड़ा से छटपटाती एक गर्भवती महिला को पुलिस ने महज एक व्हाट्सऐप पर मैसेज मिलने पर उसे समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया.

 

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के बटला हाउस इलाके में रहने वाली सना परवीन को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी. सना परवीन के परिजनों इस हालात में परेशान हो उठे क्योंकि उनके आसपास न तो कोई डॉक्टर था और न ही सना को हॉस्पिटल ले जाने का इंतजाम.

 

इन हालात में सना के पति ने अपने इलाके के एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश को उनके व्हाट्सऐप पर मदद का एक संदेश भेजा. मैसेज मिलते ही डीसीपी ने न केवल पुलिस जिप्सी से सना को हॉस्पिटल पहुंचाया बल्कि, हॉस्पिटल के खर्चों के लिए आर्थिक मदद भी की. 

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पुलिस ने बताया कि सना का पति प्लंबर है और लॉकडाउन के चलते काम नहीं मिलने से परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है. पुलिस के इस कदम की सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं.

(रिपोर्ट- जितेंद्र शर्मा/ नई दिल्ली)