NEET UG Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट विवादों में फंसी NEET UG परीक्षा पर आज (गुरुवार) सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई  (गुरुवार) को अगली डेट दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और सीबीआई को बुधवार शाम पांच बजे तक एफिडेविट जमा करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘‘भंग’’ हुई है और यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है.  इसके अलावा नीट काउंसलिंग पर सरकार ने नया अपडेट शेयर किया है.    

NEET UG Supreme Court Hearing: नहीं जमा किए हैं एफिडेविट, जुलाई के तीसरे हफ्ते में शुरू होगी काउंसलिंग  

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह गुरुवार, 18 जुलाई को NEET-UG मामले की सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले के कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामे नहीं मिले हैं और बहस से पहले उन्हें अपनी प्रतिक्रिया तैयार के लिए समय  की जरूरत है. वहीं, नीट काउंसलिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते शुरू होगी. काउंसलिंग चार राउंड्स में होगी. यदि कोई भी कैंडिडेट किसी भी कदाचार का दोषी पाया गया तो उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी.    

NEET UG Supreme Court Hearing: NTA ने कहा टेलीग्राम पर लीक हुआ वीडियो था फर्जी

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने एफिडेविट में कहा है कि, 'यदि पेपर लीक मामले में अधिक लाभार्थी पाए गए तो सरकार काउंसलिंग के संबंध में कोई नीतिगत निर्णय लेगी. एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा है कि 4 मई को टेलीग्राम पर लीक हुए NEET-UG परीक्षा के पेपर की तस्वीर दिखाने वाला वीडियो फर्जी था. इसमें कहा गया है, "शुरुआती लीक की गलत धारणा बनाने के लिए टाइमस्टैंप में हेरफेर किया गया था."

NEET UG Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में की थी तल्ख टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिंग डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र और एनटीए से कड़े शब्दों में कहा, "हमें नकारना की मुद्रा में नहीं रहना चाहिए. इससे समस्या और बढ़ेगी. एक बात स्पष्ट है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की शुचिता भंग हुई है. सवाल यह है कि लीक कितना व्यापक है?' पीठ ने कई सवाल उठाते हुए कहा कि अगर शुचिता भंग होने से पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा.