Coronavirus महामारी में N95 mask कवच की तरह काम कर रहा है. इस बीच्‍ सरकार ने N95 मास्क के निर्यात पर लगे प्रतिबंध मंगलवार को हटा दिए. इसका मकसद देश में बनने वाले मास्क का निर्यात को बढ़ावा देना है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी. सरकार ने अगस्त में मास्क निर्यात के लिए हर महीने 50 लाख इकाई की सीमा तय की थी.

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DGFT के मुताबिक N95/ FFP-2 मास्क और इसके समान चीजों की निर्यात नीति को संशोधित करते हुए प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में कर दिया है. इससे अब सभी तरह के मास्क का निर्यात किया जा सकता है. 

इससे पहले जनवरी में सरकार ने N95 मास्क का निर्यात बैन कर दिया था. दरअसल भारी डिमांड की वजह से N95 मास्क के भारी निर्यात की वजह से देश में किल्लत हो रही थी. लेकिन फिर अगस्त में सरकार ने इसके निर्यात पर लगी पाबंदियों में ढील दी थी.

हालांकि सरकार ने फेस शील्ड के एक्सपोर्ट पर कोई पाबंदी नहीं. मेडिकल गॉगल पर पाबंदी को हटाकर भी लिमिट तय की गई है. अब मेडिकल गॉगल 20 लाख यूनिट तक हर महीने एक्सपोर्ट करने की छूट दी गई है.

बीते दिनों N 95 मास्‍क के जोखिम को लेकर भी खबर आई थी. एक्‍सपर्ट का कहना है कि अगर Corona positive मरीज इस मास्‍क का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो वह दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं. क्‍योंकि N95 मास्‍क में लगे valved respirators से Virus के वातावरण में फैलने का खतरा रहता है.

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इसलिए केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (Union territory) को पत्र लिखकर लोगों के valved respirators लगे एन-95 मास्क पहनने पर रोक की बात कही है. लेटर में कहा गया है कि इससे वायरस का फैलना नहीं रुकता और यह Covid 19 महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के उलट है.