पंजाब सरकार की किसान कर्ज राहत योजना के तहत मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चार जिलों में 1,09,730 सीमांत किसानों को वाणिज्यिक बैंकों के 1,771 करोड़ रुपये के कर्ज से राहत दी है. मुख्यमंत्री ने 2.5 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों के लिए छूट योजना में विस्तार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के 10 लाख किसानों को कर्ज से बोझ से मुक्त किया जाएगा. 

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अमरिंदर सिंह ने यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर पटियाला जिले के बारान गांव में एक समारोह में कहा कि यह रकम सीधे किसानों के वाणिज्यिक बैंकों के खाते में स्थानांतरित की जा रही है और यह प्रक्रिया बहुत ही जल्द पूरी हो जाएगी. कर्ज राहत योजना के इस चरण में शामिल किसान पाटियाला, लुधियाना, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब जिलों के हैं. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले चरण में सामुदायिक और वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज लेनेवाले 2.5 से 5 एकड़ जमीन रखनेवाले किसानों को शामिल किया जाएगा. अमरिंदर सिंह ने छूट योजना के क्रियान्वयन के बाद अगले चरण में जमीनहीन मजदूरों के कर्ज माफ करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सीमांत किसानों को 2 लाख रुपये की कर्ज छूट दी गई है और छोटे किसानों को भी छूट दी गई है, जिन्होंने 2 लाख रुपये तक का कर्ज लिया था. उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत सामुदायिक बैकों से कर्ज लेनेवाले 3.18 लाख सीमांत किसानों को कुल 1,815 करोड़ रुपये का राहत दिया गया था. 

चीनी और आलू का एक्सपोर्ट

इस मौके पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने चीनी और आलू को मध्य एशियाई देशों को एक्सपोर्ट किए जाने की लिस्ट में शामिल करने की उनकी मांग मान ली है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार पंजाब को चीनी और आलू निर्यात करने की अनुमति देती है तो इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि खेतों में केमिकल उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल को लेकर चलाए गए अभियान के अच्छे नतीजे सामने आए हैं. खरीफ सीजन में यूरिया के इस्तेमाल में 1 लाख मीट्रिक टन और डीएपी के इस्तेमाल में 46,000 टन की कमी आई है. इससे किसानों को 200 करोड़ रुपये की बचत हुई है.