भूल गए हैं FASTag लगाना तो नहीं देना पड़ेगा दोगुना टोल टैक्स, सरकार ने दी बड़ी राहत
देश में अभी तक जिन भी लोगों ने अपनी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगवाया है तो उन लोगों को दोगुना टैक्स नहीं देना होगा. मोदी सरकार (Modi Government) ने हाल ही में बड़ी खुशखबरी दी है. सरकार ने देश के 65 टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) के नियमों में ढील को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है.
देश में अभी तक जिन भी लोगों ने अपनी गाड़ी में फास्टैग नहीं लगवाया है तो उन लोगों को दोगुना टैक्स नहीं देना होगा. मोदी सरकार (Modi Government) ने हाल ही में बड़ी खुशखबरी दी है. सरकार ने देश के 65 टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) के नियमों में ढील को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है. सरकार ने बताया कि इन टोल प्लाजा पर लेन का इस्तेमाल 15 फरवरी तक हाइब्रिड लेन के रूप में किया जा सकेगा.
65 टोल प्लाजा पर मिली राहत
सरकार ने 65 टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) के नियमों में कुछ समय के लिए राहत दी है. सरकार ने कहा कि वहां अभी तक लोग ज्यादातर कैश में भुगतान करते हैं. ये 65 टोल प्लाजा उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं.
लोगों को हो रही परेशानियां
फास्टैग लागू होने के एक महीने बाद लोगों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्राहकों को फास्टैग को एक्टिवेट और रीचार्ज कराने में दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही फास्टैग लगे वाहनों का टैक्स कटने में ज्यादा वक्त भी लग रहा है. इसके कारण से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक महीने की समय सीमा को बढ़ा दिया है.
NHAI ने दी एक महीने की छूट
बता दें कि सड़क मंत्रलय की जांच में देशभर में ऐसे 65 टोल प्लाजा का पता लगा है जहां इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं. इसे देखते हुए मंत्रलय ने एनएचएआइ (NHAI) को इन प्लाजा पर फास्टैग नियमों में एक महीने तक और ढील देने की अनुमति दे दी है. व्यावहारिक तौर पर एनएचएआइ (NHAI) के अधिकारी स्थिति के अनुसार जरूरत पर सभी लेन खोल सकते हैं, लेकिन इसका निर्णय उच्च अधिकारियों की अनुमति के बाद ही लिया जा सकता है.
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15 दिसंबर को सरकार ने अनिवार्य किया था फास्टैग
सरकार ने 15 दिसंबर से एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया था. इसके तहत टोल प्लाजा की कम से कम 75 फीसदी लेन पर कैश पेमेंट पर रोक लगा दी गई है. दिसंबर, 2019 तक देशभर में एक करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके थे. अभी भी रोजाना डेढ़-दो लाख फास्टैग की बिक्री हो रही है. फास्टैग उपलब्धता में कमी को देखते हुए सरकार ने इससे पहले राहत दी थी.