प्याज के बढ़ते दामों से परेशान आम आदमी को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है. वहीं, अगले साल के लिए मोदी सरकार ने प्याज को लेकर बड़ा फैसला किया है. बढ़ती कीमतें और प्याज का स्टॉक नहीं होने की समस्या को दूर कर लिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने प्लान तैयार किया है. केंद्र सरकार ने अगले साल प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है. हाल में प्याज के दाम में उछाल और आगे ऐसी स्थिति से बचने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. 

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एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने चालू वर्ष में प्याज का 56,000 टन का बफर स्टॉक तैयार किया था. लेकिन, यह बढ़ती कीमत को थामने में नाकाम साबित हुआ. प्याज के दाम अभी भी ज्यादातर शहरों में 100 रुपए किलो से ऊपर चल रहे हैं. परिणाम स्वरूप, सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की MMTC के जरिए प्याज इंपोर्ट करने के लिए विवश होना पड़ा.

अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के बताया- गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाल में मंत्री समूह की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. यह फैसला किया गया है कि अगले साल के लिए करीब एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाया जाएगा. इससे मार्केट में प्याज का स्टॉक कम होने पर भी दाम नहीं बढ़ेंगे.

सरकार की तरफ से बफर स्टॉक रखने वाली संस्था नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन परिसंघ) को अगले साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है. नाफेड मार्च-जुलाई के दौरान रबी मौसम में उत्पादित होने वाले प्याज की खरीदारी करेगा. इस प्याज का जीवनकाल ज्यादा होता है.

खरीफ मौसम में उत्पादक क्षेत्रों में देर तक मानसूनी बारिश और बाद में बेमौसम भारी बारिश के कारण इस साल प्याज के उत्पादन में 26 प्रतिशत गिरावट आई है. इसका असर कीमत पर पड़ा है. सरकार ने प्याज के दाम में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाएं हैं. इसमें निर्यात पर पाबंदी, व्यापारियों पर भंडार सीमा के अलावा बफर स्टॉक और आयात के जरिए सस्ती दर पर प्याज की बिक्री शामिल हैं.

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सरकार के पास जो बफर स्टॉक था, वह फिलहाल खत्म हो चुका है. सस्ती दर पर ग्राहकों को उपलब्ध कराने के लिए अब आयातित प्याज की बिक्री की जा रही है.