Onion Cultivation: खरीफ प्याज की इस तकनीक से करें बुवाई, जानिए उन्नत किस्में और खेती का तरीका
Kharif Onion Cultivation: खरीफ सीजन (Kharif Crops) में किसान भाई इसकी खेती कर 200-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज ले सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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Kharif Onion Cultivation: भारतीय थाली में व्यंजनों का जायका बढ़ाने के लिए प्याज का इस्तेमाल हर रसोई में किया जाता है. प्याज स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी तोहफा देती है. इसमें कई औषधीय गुण और विशेष स्वाद होने के कारण साल भर में प्याज (Onion Farming) की मांग बनी रहती है. प्याज की खेती रबी और खरीफ सीजन में की जाती है. नई प्रजातियों और तकनीकों के विकास से अब इसकी खेती खरीफ और पछेती खरीफ में भी की जा रही है. खरीफ सीजन (Kharif Crops) में किसान भाई इसकी खेती कर 200-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज ले सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.
खरीफ प्याज की बुवाई विधि
आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज की बुवाई आमतौर पर रबी के मौसम में नर्सरी के माध्यम से की जानी चाहिए, लेकिन खरीफ की फसल को बल्ब-सेट और नर्सरी दोनों माध्यम से लगाया जा सकता है. चरम गर्मी और वर्षा की अवधि में सफल नर्सरी उत्पादन के लिए एक बड़ी बाधा बन जाती है और इस समस्या से बचने के लिए किसान प्याज की बल्ब सेट्स तकनीक को भी अपना सकते हैं.
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1. नर्सरी विधि
खरीफ प्याज की बुवाई के लिए नर्सरी तैयार करने की सलाह दी जाती है. नर्सरी तैयार करने के लिए किसान उन्नत किस्म के बीजों को ही चुनें. खरीफ प्याज की नर्सरी लगाने के लिए 15 जून से लेकर 15 जुलाई का समय बेहतर रहता है. एक हेक्टेयर में फसल लगाने के लिए 8-10 किग्रा बीज पर्याप्त होता है.
पौधशाला में 0.75 मीटर चौड़ी, 3 मीटर लंबी और 15 सेमी जमीन से ऊंची उठी हुई क्यारियां बनानी चाहिए और दो क्यारियों के बीच 60-70 सेमी की दूरी रखनी चाहिए, जिससे कृषि काम आसानी से किए जा सकते. पौधशाला के लिए रेतीली दोमट मिट्टी बेहतर रहती है. बुवाई के समय बेड में बीजों को 2-3 सेमी मोटी छनी मिट्टी और सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद की सतह से ढक देना चाहिए. खरीफ मौसम की फसल के लिए 5-7 सेमी लाइन से लाइन की दूरी रखते हैं.
2. बल्ब सेट्स (गठियां) उत्पादन विधि
गठियों को तैयार करने के लिए 200 वर्ग मीटर में 5-7.5 किग्रा प्याज का बीज काम में लेते हैं जिससे 10 क्विंटल गठियां तैयार हो जाती है, जो एक हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई के लिए काफी है. नर्सरी में प्याज की पौध के लिए कम जगह होने के कारण कंद छोटे-छोटे रह जाते हैं. गठियां तैयार होने पर पत्तियों के शीर्ष भाग पीले पड़कर सूख जाते हैं. अप्रैल माह के अंत से लेकर मई के पहले हफ्ते तक गठियों को नर्सरी से खुदाई कर निकाल लेते हैं और एक हफ्ते तक गठियों को पत्तियों सहित छाया में सूखाने के बाद पौध के ऊपर वाले हिस्से को काटकर हटा दें.
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उन्नत किस्में
हमेशा प्याज की उन्नत किस्मों का चयन करके ही बीजों की बुवाई करें. खरीफ फसल के लिए एग्रीफाउंड डार्क रेड, एन-53, भीमा सुपर, भीमा रेड, भीमा डार्क रेड, भीमा शुभ्रा और भीमा स्वेत प्रमुख किस्में हैं.
02:28 PM IST