केंद्र सरकार ने वरिष्ठ जनों (Senior Citizens Bill) को दी जाने वाली अधिक से अधिक सुविधाओं वाले बिल पर अपनी मंजूरी दे दी है. अब इस बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा. इसके अलावा अनुसूचित जाति/ जनजाति को लोकसभा और विधानसभा में मिलने वाले आरक्षण (SC/ST political reservation) को 10 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. वर्तमान आरक्षण के नियम अगले साल 2020 में खत्म हो रहे हैं. एससी-एसटी को जो आरक्षण मिलता है उसे हर 10 साल बाद बढ़ाना होता है. आरक्षण को बढ़ाए जाने समेत केंद्र सरकार () ने 6 अहम बिलों को मंजूर किया है.

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बुधवार को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में एससी/एसटी को मिलने वाले आरक्षण को बढ़ाने, नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship (Amendment) Bill) और सीनियर सिटीजन (संशोधित) बिल जैसे बिल को मंजूरी दी गई. 

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने मीडिया को बताया कि नागरिकता संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है और इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा. 

उन्होंने कहा कि एससी-एसटी को जो आरक्षण मिलता है उसे हर 10 साल बाद बढ़ाना होता है. इस बार भी सरकार ने एससी-एसटी आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है. यह आरक्षण 2020 में खत्म हो रहा था जिसे अब 2030 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल को भी मंजूरी दे दी है. सीनियर सिटिजन को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कैबिनेट ने सीनियर सिटीजन अमेंडमेंट बिल को हरी झंडी दिखा दी है. 

इसके अलावा तीन संस्कृत की डीम्ड यूनिवर्सिटी के एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मंजूदी दी गई है. इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा. इसके अलावा जम्मू और कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 को वापस लेने की मंजूरी भी कैबिनेट ने दे दी है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैठक में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 (Personal Data Protection Bill, 2019) को भी मंजूरी दी गई. संसद के वर्तमान सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा.