Mahua Moitra Expelled: महुआ मोइत्रा की खत्म हुई सांसदी, Cash for Query मामले में सदन से हुई निष्कासित
Mahua Moitra Expelled: कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया है. संसद की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.
Mahua Moitra Expelled: 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया है. महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के किशननगर सीट से सांसद हैं. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आज सदन में पेश की गई. सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई जिसमें मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.
Mahua Moitra Expelled: छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में दिया था मतदान, चार सदस्यों ने जताई थी असहमति
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति (एथिक्स कमिटी) ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था. समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे. सहमति देने वालों में कांग्रेस से निलंबित सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं.
Mahua Moitra Expelled: महुआ मोइत्रा ने कहा, 'उचित प्रक्रिया का किया था दुरुपयोग, नहीं है निष्कासन का अधिकार
संसद से निष्कासित होने के बद महुआ मोइत्रा ने कहा, ' अगर मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे.एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है.'
लोकसभा में महुआ मोइत्रा को टीएमसी सांसद के रूप में निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर से वॉकआउट कर गए. विपक्ष विशेषकर तृणमूल कांग्रेस ने आसन से कई बार यह आग्रह किया कि मोइत्रा को सदन में उनका पक्ष रखने का मौका मिले, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले की संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.