जंक फूड पर महाराष्ट्र सरकार की नकेल, FDA ने स्कूल कॉलेजों के लिए गाइडलाइंस तय किए
junk food: बच्चों में मोटापा, दांत की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए महाराष्ट्र एफडीए ने राज्यभर के 10 हजार स्कूल-कॉलेजों के लिए नए गाइडलाइंस तय किए हैं.
बच्चों में मोटापा, दांत की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए महाराष्ट्र एफडीए ने राज्यभर के 10 हजार स्कूल-कॉलेजों के लिए नए गाइडलाइंस तय किए हैं. इस गाइडलाइंस को महाराष्ट्र सरकार ने भी अपनी मंजूरी दे दी है. एफडीए ने स्कूल-कॉलेजों की कैंटीन से जंक फूड को बाहर करने की सिफारिशें की हैं. इस गाइडलाइंस को लेकर महाराष्ट्र एफडीए की कमिश्नर ने जी बिजनेस से खास बात की और गाइडलाइंस के बारे में विस्तार से बताया.
एफडीए कमिश्नर पल्लवी दराडे ने बातचीत में कहा कि यंग जेनरेशन में बड़े पैमाने पर मोटापा, हाइपर टेंशन और डायबिटीज बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है. यह बेहद चिंताजनक है. इस सब बीमारियों का सीधा संबंध फूड से है. बच्चे आज बर्गर, पिज्जा, चिप्स, फ्राइड पोटेटो आदि खाते हैं जो सीधा इनके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
दराडे आगे कहती है कि इस वजह से हमने स्कूल-कॉलेज को यह निवेदन किया है कि उनके यहां कैंटीन में फूड मेन्यू में हरी सब्जियां, दालें जैसी पौष्टिक व्यंजन को शामिल करें. इसके अलावा उनका कहना है कि हम स्कूल के साथ मिलकर यह कोशिश कर रहे हैं कि स्कूल के कैंपस से 50 मीटर के दायरे में जंक फूड की बिक्री न हो सके. हालांकि यह भविष्य में की जाने वाली कोशिश होगी, फिलहाल हम स्कूल के मेन्यू में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं.