विधायकों की अयोग्यता मामले में शिंदे गुट की जीत, स्पीकर बोले- 'उद्धव ठाकरे गुट की दलीलों में नहीं था दम'
Maharashtra Shiv Sena MLA Disqualification: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर नार्वेकर ने शिवसेना के 18 विधायकों की अयोग्ता पर अपना फैसला सुनाया है. जानिए नार्वेकर ने अपने फैसला क्या कहा है.
Maharashtra Shiv Sena MLA Disqualification: शिवसेना के 18 विधायकों की अयोग्यता पर महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुना दिया है. महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा, 'याचिकाकर्ता (उद्धव गुट) के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि 2018 के पार्टी संविधान पर निर्भर किया जाना चाहिए.चुनाव आयोग द्वारा प्रदत्त शिव सेना का संविधान वास्तविक संविधान है, जिसे शिवसेना का संविधान कहा जाएगा. ऐसे में शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे गुट की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती.'
1999 का शिवसेना संविधान रहेगा मान्य, दोनों गुट के संविधान पर नहीं है सहमति
राहुल नार्वेकर ने कहा है कि, '1999 का संविधान वह है जो प्रतिद्वंद्वी समूहों की उत्पत्ति से पहले शिवसेना द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत किया गया था. चुनाव आयोग द्वारा प्रदत्त शिव सेना का संविधान वास्तविक संविधान है, जिसे शिवसेना का संविधान कहा जाएगा. दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुट) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है. दोनों दलों के नेतृत्व संरचना पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा."
2018 के संविधान को नहीं माना जा सकता वैध, असली शिव सेना है शिंदे गुट
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, 'शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है. रिकॉर्ड के अनुसार,मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है." विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिवसेना ‘प्रमुख’ के पास किसी भी नेता को पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है. स्पीकर ने कहा कि असली शिव सेना शिंदे ग्रुप है, जब जून 2022 को प्रतिद्वंद्वी समूह अस्तित्व में आया.
2018 की कार्यकारिणी पर भी सुनाया फैसला, भ्रमित करने वाले हैं दस्तावेज
राहुल नार्वेकर जून 2018 को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस बैठक में मौजूद सांसद राहुल शेवाले, सांसद विनायक राऊत और अरविंद सावंत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नहीं हैं. अतः यह साफ है कि वर्ष 2018 में पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का चुना जाना पार्टी संविधान के अनुरूप नहीं है. उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग को सौंपे गए दावे में भी विसंगति है.
स्पीकर ने आगे कहा, 'एक तरफ कहते हैं कि पार्टी की बैठक सेना भवन में हुई, दूसरी तरफ कहते हैं कि वही बैठक ऑनलाइन हुई. इसलिए उनके दस्तावेज भ्रमित करने वाले हैं.'