लोन ऐप से फ्रॉड को लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक के साथ-साथ पुलिस भी लगातार सख्ती दिखा रही है. अब आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा है कि ऐसे फ्रॉड के मामलों में Google, Apple समेत सभी सर्विस प्रोवाइडर, ऐप डेवलपर्स और बैंक जो लोन ऐप से जुड़े हुए हैं उनको भी सह-अभियुक्त बनाया जाएगा. पुलिस का कहना है कि इसे लेकर जल्द सभी को नोटिस भेजा जाएगा. लोन ऐप्स के फ्रॉड में फंस गए लोगों की व्यथा को देखते हुए आंध्र प्रदेश पुलिस के डीजीपी केवी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने अपील की है कि लोग अनजान वेबसाइट या लिंक से कोई लोन ऐप डाउनलोड न करें.

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साथ ही उन्होंने यह भी अपील की है कि धमकी भरे कॉल और SMS आने, मॉर्फ्ड फोटो भेजकर ब्लैकमेल किए जाने के डर से वो सुसाइड न करें और ऐसे केस में सामने आकर पुलिस केस दर्ज कराएं या फिर 1930 नंबर पर कॉल करें. उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ट्रांजैक्शन बढ़े हैं, इसे देखते हुए पिछले कुछ वक्त में इनसे जुड़े अपराध भी बढ़े हैं. ऐसे कई लोन ऐप्स और माइक्रो क्रेडिट प्लेटफॉर्म लोगों को टारगेट पर ले रहे हैं, ऐसे में लोगों को सावधान रहना चाहिए.

लोन में ऐसे फंसाकर करते हैं ब्लैकमेल

ये ग्रुप आसान टारगेट चुनते हैं और ज्यादा इंटरेस्ट लोन और हिडेन चार्ज वाले लोन के चक्कर में फंसा लेते हैं. इसके बाद रिकवरी करने के लिए धमकी और ब्लैकमेलिंग के जरिए वसूली करते हैं. और तो और ऐप डाउनलोड करवाकर लोगों की पर्सनल इन्फॉर्मेशन जैसे फोन कॉन्टैक्टस, कैमरा लोकेशन जैसी डीटेल्स चुरा लेते हैं.

फोन से फैमिली फोटो और कॉल रिकॉर्डिंग चुराकर इन्हें मॉर्फ किया जाता है और फिर कॉन्टैक्ट्स में रिलेटिव्स के नंबर निकालकर उन्हें भेजा जाता है. इसतरह प्रताड़ित करके लोगों से और ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं. लोग इनके चक्कर में फंस जाते हैं क्योंकि ये बिना किसी गारंटी डॉक्यूमेंट या CIBIL स्कोर के भी तुरंत लोन अप्रूवल देने को तैयार रहते हैं. 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऐसे 600 ऐप्स को अवैध घोषित किया और 137 लोन ऐप की पहचान की है, जो देश में नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से जुड़े बिना किसी अप्रूवल के चल रहे हैं और इनका चीनी लिंक है.

किस-किसके खिलाफ होगी कार्रवाई

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश में अभी तक लोन ऐप शोषण से जुड़े 75 केस दर्ज किए जा चुके हैं और 80 लोगों की पहचान करके गिरफ्तार किया गया है. 

अब लोन ऐप डेवलपर्स, ऐसे लोन ऐप्स पब्लिश करने वाले प्लेस्टोर, इन्हें शेयर किए जाने वाले दूसरे मीडियम, लोन ऐप ऐप्लीकेशन को शह देने वाले अधिकारी, KYC ढंग से चेक न करने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स, हाई करंट अकाउंट और संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जानकारी न देने वाले बैंक और पेमेंट मीडियम भी कार्रवाई के अधीन आएंगे.