LIC IPO News: देश के इतिहास का सबसे बड़ा IPO यानी LIC IPO की डेट फाइनल हो चुकी है. 4 मई 2022 को LIC IPO पब्लिक के लिए खुलने जा रहा है. करीब 21 हजार करोड़ का LIC IPO आम पॉलिसी होल्डर्स के साथ रिटेल निवेशकों के लिए भी आकर्षक रखा गया है. यही वजह है कि LIC IPO से पहले करोड़ों नए डिमैट अकाउंट्स खुले हैं और पॉलिसी होल्डर्स ने PAN अपडेट कराया है. लेकिन, देश के हर तबके तक पहुंच रखने वाली LIC की सफलता की कहानी बाकी कंपनियों से अलग क्यों है. आइये जानते हैं... 

LIC को मिली SEBI से स्पेशल छूट

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'जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी' और हर पल आपके साथ के स्लोगन के साथ देश के घर-घर में इंश्योरेंस का दूसरा नाम कहलाए जाने वाली कंपनी LIC का IPO आ रहा है, जहां आम लोग भी LIC के शेयर होल्डर बन पाएंगे. सरकार एलआईसी IPO के जरिए 3.5% हिस्सा बेच रही है. हालांकि, SEBI नियमों के मुताबिक, मिनिमम 5% हिस्सा बेचना जरूरी है. लेकिन, LIC को SEBI से स्पेशल छूट मिली है. IPO में LIC का वैल्यूएशन 6 लाख करोड़ रुपए तक आया है. 

भरोसा मतलब LIC

65 साल पहले 1 सितंबर 1956 को LIC ACT 1956 के तहत ₹5 करोड़ की पूंजी निवेश के साथ भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC की स्थापना हुई थी. सरकार ने इसके लिए 245 भारतीय-विदेशी बीमा कंपनियों और प्रोविडेंट सोसायटीज का अधिग्रहण कर उनका राष्ट्रीयकरण कर दिया था. देश में आम लोग जब भी पैसे बचाने या फिर इंश्योरेंस खरीदने की सोचते है, तो सबसे पहले LIC का ख्याल आता है क्योंकि लोगों में भरोसा है कि LIC में लगाया उनका पैसा कभी डूबेगा नहीं. क्योंकि, यहां सरकारी गारंटी है. इसलिए आम लोग दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों के पास जाने के बजाए LIC पर भरोसा करना सबसे ज्यादा पसंद करते है. करोड़ों भारतीयों के लिए इंश्योरेंस का मतलब LIC  ही है. इतनी बड़ी साइज की कंपनी होने के बावजूद भी LIC का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 98.27% है.

इंश्योरेंस का सबसे बड़ा प्लेयर

इसलिए इंश्योरेंस सेक्टर में प्राइवेटाइजेश के 22 साल बाद भी LIC 65 फीसदी मार्केट शेयर के साथ मार्केट लीडर है. 30 करोड़ पॉलिसीहोल्डर्स वाली LIC की सबसे बड़ी शक्ति है उसके 13.5 लाख एजेंट्स जो देश के हर कोने कोने में मौजूद हैं. यही वजह है कि LIC का व्यावसायिक प्रीमियम का 96% हिस्सा के एजेंट्स के जरिए आता है. डिजिटल मार्केटिंग और डायरेक्ट सेल्स में LIC के कुल कारोबार का हिस्सा 1% से भी कम है. कोरोना में लॉकडाउन की वजह से एजेंट्स से जुड़ा कारोबार भी प्रभावित हुआ. बदलते वक्त में LIC ने पहली बार फरवरी 2022 में ऑनलाइन एग्रीगेटर पॉलिसीबाजार के साथ करार किया.

37 लाख करोड़ रुपए का AUM

सवा लाख कर्मचारियों वाली LIC के देश भर में 2048 ब्रांच ऑफिस है. 113 डिविजनल ऑफिसेज है और 8 जोनल ऑफिस के साथ 1381 सैटलाइट ऑफिस है. LIC सिर्फ एक इंश्योरेंस कंपनी ही नहीं है बल्कि एक बड़ा फाइनेंशियल ऑर्गनाइजेशन है. देश-विदेश में LIC की सब्सिडियरी कंपनियां जैसे LIC पेंशन फंड, LIC कार्ड सर्विस लिमिटेड  IDBI बैंक, LIC नेपाल, LIC लंका, LIC सिंगापुर हैं. LIC की विशाल साइज का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कंपनी की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 37 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें 10 लाख करोड़ का निवेश इक्विटी मार्केट में है.

तरक्की का फायदा लोगों को भी

LIC हर मुश्किल में फंसे सरकारी इश्यू का पार लगाने वाली संस्था है. क्योंकि, LIC के निवेश वाली कंपनी की साख बढ़ जाती है. LIC की रिलायंस इंडस्ट्रीज में 6.13%, इंफोसिस में 5.67%, IDBI बैंक में 49%, ITC में 16.23%, मारुति में 5.26% और TCS में 3.65% हिस्सेदारी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2021 के बजट में LIC के IPO का ऐलान किया था और IPO का मकसद विनिवेश के जरिए पैसा जुटाने के साथ LIC जैसी दिग्गज सरकारी संस्थान की तरक्की का फायदा आम लोगों तक पहुंचाना है.

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