श्रम मंत्रालय ने बेरोजगारी दर को लेकर चली खबरों को किया खारिज, कहा- 2019 की तुलना में बेहतर हुआ रोजगार दर
कुछ मीडिया कंपनियों ने एक प्राइवेट कंपनी द्वारा बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) को लेकर किए गए सर्वे के आधार पर खबरें चलाई थीं. प्राइवेट कंपनी के सर्वे के आधार पर मीडिया द्वारा चलाई गई दिसंबर, 2022 के बेरोजगारी दर को लेकर भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया है.
कुछ मीडिया कंपनियों ने एक प्राइवेट कंपनी द्वारा बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) को लेकर किए गए सर्वे के आधार पर खबरें चलाई थीं. प्राइवेट कंपनी के सर्वे के आधार पर मीडिया द्वारा चलाई गई दिसंबर, 2022 के बेरोजगारी दर को लेकर भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया है. श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने इस विषय पर एक प्रेस रिलीज जारी किया है. मंत्रालय के मुताबिक ये ध्यान रखना जरूरी है कि कई प्राइवेट कंपनियां और संगठन अपनी स्वयं की पद्धतियों के आधार पर सर्वे करते हैं जो सामान्य रूप से न तो वैज्ञानिक हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों पर आधारित हैं.
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि सर्वे करने वाली इन कंपनियों और संगठनों द्वारा उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली सामान्य रूप से बेरोजगारी की ओवर-रिपोर्टिंग या रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा के संग्रह के लिए उपयोग की जाने वाली परिभाषाओं के कारण उनकी स्वयं की नमूना प्रक्रिया के कारण एक पूर्वाग्रह ग्रसित है. ऐसे सर्वे के नतीजों का सावधानी से इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
PLFS के आधार पर आधिकारिक डेटा जारी करती है सरकार
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के आधार पर सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा "रोजगार-बेरोजगारी" पर आधिकारिक डेटा जारी किया जाता है. अखिल भारतीय स्तर पर अनुमानों के लिए सर्वेक्षण अवधि जुलाई, 2020 से जून, 2021 के लिए लेटेस्ट वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट उपलब्ध है. शहरी क्षेत्रों के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा तिमाही पीएलएफएस रिपोर्ट भी जारी की जाती है. तिमाही रिपोर्ट जुलाई से सितंबर, 2022 तक उपलब्ध हैं.
साल 2019 की तुलना में 2022 में बेहतर हुई बेरोजगारी दर
पीएलएफएस की उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, श्रमिक जनसंख्या अनुपात यानी 15 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान रोजगार दर 44.5 प्रतिशत के स्तर पर थी, जबकि साल 2019 में इसी तिमाही के दौरान यह 43.4 प्रतिशत थी. जुलाई से सितंबर, 2022 के दौरान बेरोजगारी दर, जुलाई से सितंबर, 2019 में 8.3 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 7.2 प्रतिशत के स्तर पर रही थी. इस प्रकार, पीएलएफएस के डेटा से संकेत मिलता है कि रोजगार बाजार न केवल कोविड-19 महामारी के झटके से उबर गया है बल्कि महामारी से पहले के स्तर की तुलना में अच्छे स्तर पर भी है.