छोटे किसानों को राहत देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त के रूप में पात्र किसानों को 2000 रुपये उनके खाते में मार्च के अंत तक जमा करा दिए जाएंगे. लेकिन, आयकर देने वाले परिवारों, सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों, मौजूदा या पूर्व सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को बजट में घोषित छोटे और सीमांत किसानों के लिये 6,000 रुपये की आय समर्थन योजना का लाभ नहीं मिलेगा. 

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वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में छोटे और सीमान्त किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना की घोषणा की थी. इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर तक जोत वाले किसानों को मिलेगा. योजना के तहत 6,000 रुपये छोटे किसानों के खातों में तीन किस्तों में डाले जाएंगे. योजना से 12 करोड़ किसान को फायदा मिलने का अनुमान है. 

इनको नहीं मिलेगी लाभ

सरकार ने इस 75,000 करोड़ रुपये की योजना के परिचालन दिशानिर्देशों को जारी करते हुए कहा है कि पेशेवर निकायों के पास पंजीकृत चिकित्सकों, इंजीनियरों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और वास्तुकारों तथा उनके परिवार के लोग भी इस योजना का लाभ उठाने के पात्र नहीं होंगे. 

दिशानिर्देशों में छोटे और सीमान्त किसानों को ऐसे किसान परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है जिनमें पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों के पास संबंधित राज्य या संघ शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार सामूहिक रूप से खेती योग्य भूमि दो हेक्टेयर अथवा इससे कम है. दिशानिर्देश में यह भी बताया गया है कि भूमि सीमा को पूरा करने के बावजूद कुछ श्रेणी के लोग इस नकदी समर्थन के पात्र नहीं होंगे. 

पहली किस्त 31 मार्च को

इस योजना के तहत सरकार पहली किस्त 31 मार्च से पहले जारी करेगी. पहली किस्त प्राप्त करने के लिए आधार नंबर जरूरी नहीं है, लेकिन दूसरी किस्त से यह अनिवार्य होगा. संस्थागत भूमि मालिकों को भी लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है. 

यदि किसी किसान परिवार के एक या अधिक सदस्य निम्न श्रेणियों ...किसी संस्थागत पद पर पूर्व में या वर्तमान में कार्यरत, मौजूदा या पूर्व मंत्री, राज्य मंत्री, लोकसभा-राज्यसभा, विधानसभा या विधान परिषद के पूर्व या मौजूदा सदस्य, नगर निगमों के पूर्व या मौजूदा मेयर और जिला पंचायतों के मौजूदा या पूर्व चेयरपर्सन... में आते हैं तो उनको भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. 

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के मौजूदा या सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अलावा स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारियों (इसमें मल्टी टास्किंग कम्रचारी-श्रेणी चार-समूह डी के कर्मचारी शामिल नहीं हैं) को भी इस योजना का फायदा नहीं मिल सकेगा. 

ऐसे सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी या पेंशनभोगी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है, को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसमें भी मल्टी टास्किंग कर्मचारी-श्रेणी चार-समूह डी के कर्मचारी शामिल नहीं हैं. हालांकि, इस योजना का लाभ उन सभी लोगों को नहीं मिलेगा जिन्होंने पिछले आकलन वर्ष में आयकर दिया है.

यूपी के 50 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को देने के लिए केंद्र सरकार ने pmkisan.nic.in पोर्टल लॉन्च किया था. इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य सरकारों को पात्र किसानों की सूची 25 फरवरी तक इस पोर्टल पर डालनी हैं. जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 लाख किसानों की सूची इस पोर्टल पर डाली है. इस सूची में जमीन मालिक का नाम, लिंग, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर आदि शामिल करना होगा.