खेतों में धान की फसल लहलहा रही है. बाजरा भी खूब झूम रहा है. खरीफ सीजन पर इस बार मॉनसून में अच्छी बरसात हुई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर है और इसे देखते हुए लगता है कि देश में बंपर अनाज पैदा होगा. उन्होंने कहा कि अगस्त में मानसून की अच्छी बरसात होने के बाद खरीफ फसलों के बुवाई के रकबे में काफी सुधार हुआ है.

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धान खेती के रकबे की यदि बात की जाये तो 30 अगस्त तक यह कम यानी 354.84 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल की इसी अवधि में 372.42 लाख हेक्टेयर था. दलहन का रकबा भी कम यानी 127.99 लाख हेक्टेयर रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 131.54 लाख हेक्टेयर पर था. मोटे अनाज की खेती का रकबा 171.74 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित है. तिलहन बुवाई का रकबा मामूली कम यानी पहले के 171.15 लाख हेक्टेयर की तुलना में 170.78 लाख हेक्टेयर है. कपास खेती का रकबा अधिक यानी 124.9 लाख हेक्टेयर है जो पहले 117.66 लाख हेक्टेयर था.

उन्होंने कहा कि कम रकबे के बाद भी पैदावार अच्छी होगी. देश के खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर होने की बात रखते हुए तोमर ने कहा कि आगे उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करने, अनुसंधान पर ध्यान देने, उर्वरकों का सही उपयोग करने और किसानों को अधिक आय सुनिश्चित करना, चुनौती है.

 

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मंत्री ने कहा कि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करना, लगभग 90,000 करोड़ रुपये के पीएम-किसान कार्यक्रम शुरू किया जाना, जिसके तहत हर साल 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में किसानों को दिये जा रहे हैं. इसके अलावा किसानों के लिए एक पेंशन योजना भी शुरू की गई है.