धान की फसल का है ये सबसे बड़ा दुश्मन, कीट-रोग से भी ज्यादा पहुंचा है नुकसान, इनका कर दिया खात्मा तो हो जाएंगे मालामाल
Written By: संजीत कुमार
Fri, Jul 12, 2024 01:32 PM IST
Paddy Crop: धान खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है. चालू 2024-25 खरीफसत्र में अब तक धान की बुवाई का रकबा 19.35 फीसदी बढ़कर 59.99 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले वर्ष इसी अवधि में धान की खेती का रकबा 50.26 लाख हेक्टेयर था. मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के साथ जून से शुरू होती है और कटाई सितंबर से होती है.
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धान का ये है सबसे बड़ा दुश्मन
धान की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देती है, लेकिन धान का सबसे बड़ा दुश्मन खरपतवार है. धान उत्पादन में में होने वाले कुल नुकसान का 33 फीसदी नुकसान खरपतवार से होता है, जो कीटों और रोगों से होने वाली कुल क्षति से कहीं ज्यादा है. इसलिए धान फसल को खरपतवार से मुक्त रखने के लिए समय पर इसका नियंत्रण करना जरूरी है.
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उत्पादन में गिरावट
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धान के प्रमुख खरपतवार
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मोथा का नियंत्रण
मोथा खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए किसान इनमें से कोई एक दवा का प्रयोग करें. ब्यूटाक्लोर 50% ई.सी 1.0-1.2 ली. (500-600 मिली सक्रिय तत्व / एकड़), एनिलाफोस 30% ई.सी 533 मिली (160 ग्राम सक्रिय तत्व / एकड़), प्रेटिलाक्लोर 50% ई.सी 600 मिली (300 ग्राम सक्रिय तत्व / एकड़), आग्जडायरजिल 80% डब्ल्यू.पी 50 ग्राम (40 ग्राम सक्रिय तत्व / एकड़), बेनसल्फूरोन मिथाइल 60% डी.एफ 40 ग्राम (24 ग्राम सक्रिय तत्व / एकड़).
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जंगली धान का नियंत्रण
इसके बीज धान के फसल पकने से पहले जमीन पर गिर जाते हैं. इसलिए इसको जड़िया धान के नाम से जानते हैं. इस खरपतवार के नियंत्रण के लिए खेत में सिंचाई करके इसको उगने के लिए प्रोत्साहित करें. ताकि जमीन में पड़े हुए सारे बीज उग जाएं. इसके उगने के बाद ग्लाइफोसेट व पैराकोट के आधे फीसदी घोल का छिड़काव कर सकते हैं. तृणनाशी के छिड़काव के 10-15 दिनों के बाद धान की रोपनी किया जाए.
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