कोरोना के डर से भाग कर घर आए तो चमकी किस्मत, खुली 1 करोड़ की लॉटरी
West Bengal के मुर्शिदाबाद का एक गरीब मजदूर इजारुल शेख ने घर वापस लौटने के बाद 1 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है.
केरल के एक मजबूर को कोरोना वायरस के चलते घर वापस आना फायदे का सौदा साबित हुआ है. घर आकर इस मजदूर की एक करोड़ की लॉटर खुल गई है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन (lockdown) की घोषणा कर दी गई है. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब-मजदूरों पर पड़ रहा है. काम नहीं होने के चलते लोग अपने घरों को वापस जा रहे हैं. लेकिन एक शख्स ऐसा भी है जिसे बाहर काम न मिलने पर घर आया तो किस्मत उस पर छप्पर फाड़ कर मेहरबान हो गई.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुर्शिदाबाद का एक गरीब मजदूर जब केरल में कोविड 19 के बढ़ते प्रकोप की चलते अपने गांव वापस लौटा, तब उसे उम्मीद भी नहीं थी कि जिस दिहाड़ी मजदूरी के लिए वो चिंतित है, अब उसे वो काम करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. दरअसल, 30 साल के इजारुल शेख ने वापस लौटने के बाद 1 करोड़ रुपये की लॉटरी (one crore lottery) जीती है.
मिर्जापुर गांव के इजारुल शेख केरल में काम करते थे. जब केरल में कोविड-19 (COVID-19) के मामले बढ़ने लगे, तो इसके एक हफ्ते बाद वह अपने गांव वापस लौट आए. इजारुल का घर मिर्जापुर में बेलदंगा पुलिस स्टेशन के पास है. रविवार को एक पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी कि इजारुल ने ये लॉटरी जीती है.
इजारुल के परिवार में माता—पिता, पत्नी और एक बेटी है. पिता रिक्शा चलाते हैं और इजारुल केरल में मजदूरी कर अपना परिवार चलाता है. बुधवार को वह अपने गांव से पांच किलोमीटर दूर बेलदंगा शहर गए और 1 करोड़ की इनामी राशि वाला एक लॉटरी टिकट खरीदा. इजारुल ने बताया कि अगले ही दिन उन्हें पता चला कि वह यह लॉटरी जीत गया है.
इसके बाद शेख बेलंदगा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज से मिला और आग्रह किया कि उन्हें सुरक्षा दी जाए. क्योंकि, लॉटरी जीतने की खबर रातोरात फैल गई और हजारों लोगों की भीड़ उनके घर के आसपास थी.
शेख ने बताया कि वह बिजनेस शुरू करना चाहता है और इन पैसों से अपने परिवार के लिए एक घर बनाना चाहता है. इनामी राशि को पुलिस की सलाह और शुभ चिंतकों के कहने पर उन्होंने बैंक में जमा करवा दिया है.
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शेख ने बताया कि जब वह जब केरल से आया, तो अपने भविष्य को लेकर बहुत निराश था. मुर्शिदाबाद में एक दिहाड़ी मजदूर को 500 से 600 रुपए मिलते हैं. जितना वह केरल में कमाता था, ये उसका आधा है. लेकिन अब उसकी सारी परेशानियां खत्म हो जाएंगी.