IIT मद्रास की ओर से एक पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किया गया है जिसके साथ ही काशी-तमिल संगमम के दूसरे चरण का मंच पूरी तरह तैयार हो गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का यह कार्यक्रम प्राचीन भारत के शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों - वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करता है.

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1400 लोग करेंगे वाराणसी की यात्रा

काशी तमिल संगमम (KTS) के दूसरे चरण में यह प्रस्तावित है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1400 लोग यात्रा में लगने वाले समय सहित 8 दिनों के एक गहन दौरे के लिए ट्रेन से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे. उन्हें लगभग 200-200 व्यक्तियों के 7 समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें छात्र, शिक्षक, किसान और कारीगर, व्यापारी और व्यवसायी, धार्मिक व्यक्ति, लेखक और पेशेवर लोग शामिल होंगे.

इस दिन होगा कार्यक्रम का दूसरा संस्करण 

प्रत्येक समूह का नाम एक पवित्र नदी (गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी) के नाम पर रखा जाएगा. एक भारत श्रेष्ठ भारत के इस कार्यक्रम का दूसरा संस्करण 17 दिसंबर से होना प्रस्तावित है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह दिवस 30 दिसंबर तक आयोजित पवित्र तमिल मार्गली महीने का पहला दिन है. ये प्रतिनिधि ऐतिहासिक, पर्यटन और धार्मिक रुचि के स्थानों की यात्रा करेंगे और अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ बातचीत करेंगे.

KTS 2.0 में क्या होगा खास

KTS 2.0 जागरूकता सृजन और पहुंच, लोगों में परस्पर जुड़ाव और सांस्कृतिक तन्मयता पर जोर देने वाला एक स्पष्ट प्रारूप होगा. इसमें सर्वोत्तम प्रथाओं में अभिज्ञान प्राप्त करने, शिक्षण को बढ़ावा देने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए स्थानीय समकक्षों (बुनकरों, कारीगरों, कलाकारों, उद्यमियों, लेखकों आदि) के साथ अधिक जुड़ाव और बातचीत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

ये मंत्रालय मिलकर कर रहे हैं काम

शिक्षा मंत्रालय इस कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय होगा, जिसमें ASI, IRCTC सहित रेलवे, पर्यटन, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ODOP), MSME, सूचना और प्रसारण, एसडी एंड ई और उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों सहित संस्कृति मंत्रालय की भागीदारी होगी. प्रतिनिधि यात्रा कार्यक्रम में 2 दिन जाने की यात्रा-2 दिन वापसी यात्रा वाराणसी की और 1-1 दिन की प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा शामिल होगी.

तमिलनाडु और काशी में लगेगी प्रदर्शनी

तमिलनाडु और काशी की कला और संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे. इस अवधि के दौरान ज्ञान के विभिन्न पहलुओं जैसे साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ-साथ आधुनिक नवाचार, व्यापार आदान-प्रदान, एडुटेक जैसे सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान, आदि का आयोजन किया जाएगा.