karnataka election:कर्नाटक चुनाव में वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने 8 मई को प्रचार समाप्त होने के एक दिन बाद बड़ा खुलासा किया है. कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है और मतों की गिनती 13 मई को होगी. पोल पैनल के अनुसार, पिछले कुछ चुनावों से (temptation-free) पर जोर दिया जा रहा है और कर्नाटक के चुनाव में खर्च पर विशेष ध्यान दिया गया. तब जाकर 2018 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस चुवाव में रिकॉर्ड संपत्ति जब्त की गई.  बरामद हुई रकम 2018 की तुलना में 4.5 गुना ज्यादा है. 

जब्त हुए करोड़ो नकद और करोड़ो की शराब 

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पोल पैनल ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में 147.46 करोड़ रुपये नकदी और 83.66 करोड़ रुपये की शराब जब्त की गई है. जिसमे ड्रग्स की कीमत 23.6 करोड़ रुपये, 96.6 करोड़ रुपये की कीमती धातुएं और 24.21 करोड़ रुपये की मुफ्त चीजें हैं. जिसके बाद चुनाव आयोग ने कहा, "2023 में कुल 375 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई है. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 83.93 करोड़ रुपये की जब्ती की गई थी.  लेकिन 2018 की तुलना में इस बार 4.5 गुना अधिक की सम्पति जब्त की गयी है. 

आदर्श आचार संहिता के बावजूद ED 288 करोड़ रुपये 

चुनाव आयोग ने कहा, "ED ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 288 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है. जिसमे कोलार जिले के बंगारापेट एसी में 4.04 करोड़ रुपये जब्त किए, इसके बाद हैदराबाद में अवैध रूप से अल्प्रोजोलम बनाने वाली लैब पर छापा मारना और NCB द्वारा की गई ट्रेल मैपिंग से बीदर जिले में 100 किलोग्राम गांजा सहित सभी जिलों से भारी मात्रा में शराब बरामद किए. इसके आलावा उपहार के रूप में दी जा रही कलबुर्गी, चिकमंगलूर और अन्य जिलों से साड़ियां और खाने के किट जब्त किए गए. बैलहोंगल और कुनिगल और अन्य एसी से भारी मात्रा में प्रेशर कुकर और रसोई के अन्य सामग्री जब्त किए गए.

आस पास के राज्यों के सीमओं में थी कड़ाई  

बता दे की पैनल ने 146  एक्सपेंस सुपरवाइजर को तैनात किया था और 81 विधानसभा क्षेत्रों को कड़ी निगरानी के लिए चिन्हित किया था. चुनाव आयोग ने 1 मई को कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु की सीमा चौकियों के माध्यम से कानून व्यवस्था को चौकस कर दिया था. समीक्षा में इन सभी आस पास के राज्यों के मुख्य सचिवों, डीजीपी, आबकारी आयुक्तों और ED जैसे एजेंसियों ने भाग लिया था. इस अवसर पर, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने फ्रंट लाइन जिलों में विशेष रूप से 185 चेक पोस्टों की के साथ निगरानी पर जोर दिया था. आयोग ने कहा कि इस तरह की सीमा चौकियों से नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातु और मुफ्त सामान की जब्ती हुई जिसकी कीमत 70 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है.

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