इस बार सावन में नहीं होगी कांवड़ यात्रा, यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा ने लगाई रोक
पिछले साल 2019 में सावन के महीने में 4 करोड़ से अधिक भक्त हरिद्वार गए थे.
15 दिन बाद सावन का महीना शुरू हो रहा है. सावन शुरू होते ही उत्तर भारत में भगवान शिव की भक्ति का अनोखा रूप देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड (Uttarakhand) में करोड़ों शिवभक्त पवित्र नदियों ने जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. सावन का पूरा माह बम भोले के नारों से गुंजायमान रहता है. पूरा महीने जगह-जगह कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) चलती रहती है. पिछले साल 2019 में सावन के महीने में 4 करोड़ से अधिक भक्त हरिद्वार गए थे.
लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. कोरोना वायरस के चलते उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड और हरियाणा सरकार (Haryana0 ने इस बार कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा ने मिलकर फैसला निर्णय लेते हुएए 6 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और उत्तराखंड व हरियाणा के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ( Trivendra Singh Rawat) और मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के बीच शनिवार देर रात एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस के बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला आया.
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Adityanath) ने आला पुलिस अधिकारियों और कमिश्नरों को भी धार्मिक नेताओं, कांवड़ संघों और शांति समितियों को फैसले के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक नेताओं और कांवड़ संघों को भक्तों से अपील करनी चाहिए कि वे इस साल महामारी के मद्देनजर यात्रा न निकालें. सावन के महीने में शिव मंदिरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को भी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है.
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राज्य सरकार ने मंदिर में एक समय में पांच श्रद्धालुओं से ज्यादा को जाने देने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. एक बार में पांच से ज्याद भक्त मंदिर के अंदर मौजूद नहीं हो सकते हैं.