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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डॉ धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ आज देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश बनने के लिए शपथ लेंगे. 2016 मई में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए जस्टिस चंद्रचूड़ का CJI के रूप में दो साल का कार्यकाल होगा. वे 10 नवंबर, 2024 को रिटायर हो जायेंगे. इस दौरान उन्हें देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेने का पर्याप्त समय मिलेगा. आइये ये जानते है की देश का CJI आखिर बनते कैसे है, क्या करते है देश के CJI और कैसे इनको पद से हटाया भी जा सकता है. 

कैसे बन सकते है देश के CJI ?

1 . आप देश के नागरिक हो. 

2 . आप कम-से-कम 65 वर्ष के हो. 

3 . और आप निचे लिखे किसी एक कंडीशन को पूरा करते हो 

किसी उच्च न्यायालय में या फिर ऐसे कोई दो या अधिक न्यायालयों में लगातार कम-से-कम 5 वर्षों तक न्यायाधीश रहे हों.

किसी उच्च न्यायालय में या फिर ऐसे कोई दो या अधिक न्यायालयों में लगातार कम-से-कम 10 वर्षों तक अधिवक्ता रहे हो.

या फिर माननीय राष्ट्रपति ने आपको खुद चुना हो. 

कैसे चुने जाते है CJI ?

CJI की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं. प्रोटोकॉल के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को CJI के रूप में नामित किया जाता है. इसके लिए मौजूदा CJI और न्याय मंत्रालय प्रधानमंत्री को अपनी पसंद बताते हैं. जो की प्रधानमंत्री आगे राष्ट्रपति तक पहुंचते हैं. 

क्या होती है CJI की भूमिका ?

1. राष्ट्रपति और राज्यपाल को शपथ दिलाने का कार्य CJI का होता है.

2. CJI के पास सर्वोच्च न्यायालय में मामलों की सुनवाई के लिए बेंच गठित करने की शक्ति होती हैं. CJI तय करता है कि कौन सा न्यायाधीश किस मामले की सुनवाई करेगा और कब करेगा. इस वजह से CJI को ‘मास्टर ऑफ़ द रोस्टर’ कहते है. 

3. CJI से राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए परामर्श किया जाता है. 

4.  CJI संविधान के अनुच्छेद 127 के तहत उच्च सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की भी नियुक्ति करता हैं. 

5 . राष्ट्रपति के मंजूरी से CJI दिल्ली के किसी अन्य स्थान पर  सर्वोच्च न्यायालय की नीच स्थानांतरित कर सकते है. 

6 . CJI केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त कर सकता है. 

CJI को हटाने की प्रक्रिया 

राष्ट्रपति के आदेश से 

1 . संसद द्वारा राष्ट्रपति को प्रस्तुत एक समावेदन के बाद ही किया जा सकता है. 

2 . संसद के प्रत्येक सदन के विशेष बहुमति द्वारा ये कार्य पूरा होता है. 

3 . निष्कासन का आधार संविधान के अनुच्छेद 124 (4) से लिया जाता है. 

2019 से सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के तहत CJI का कार्यालय RTI अधिनियम, 2005 के दायरे में आता है.