Joshimath News: देवभूमि उत्तराखंड चारधामों के लिए सबसे ज्यादा पॉपुलर है. चारों धामों में से एक है बद्रीनाथ और बद्रीनाथा का रास्ता जाता है जोशीमठ से. वैसे तो जोशीमठ (joshimath) को बद्रीनाथ का द्वार भी कहा जाता है. लेकिन मौजूदा समय में जोशीमठ कुछ और ही कहानियां बुन रहा है. हाल ही में जोशीमठ से ऐसी डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसे आप भी देखेंगे तो कांपने लगेंगे. ऐसा लग रहा है मानो प्रकृति जोशीमठ से नाराज है और अपना रूप दिखा रही है. हाल ही में जोशीमठ (Joshimath Sinking) से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो दिखाती हैं कि कैसे ये शहर सिकुड़ रहा है...तस्वीरें ऐसी, जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे कि क्या दोबारा केदारनाथ त्रासदी (Kedranath Disaster) तो नहीं आने वाली.

सड़कों से निकल रहा जमीन का पानी

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पिछले कुछ दिनों से जोशीमठ में अजीबोगरीब घटनाएं हो रही हैं. कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं और जमीन से पानी निकल रहा है. प्रशासन का कहना है कि ये पानी सीवन की लीकेज नहीं है, बल्कि ये जमीन से निकल रहा है. हालांकि इस पर जोशीमठ के लोगों ने काफी नाराज़गी बताई है. 

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576 घरों में मिली दरारें

जोशीमठ नगर-निगम चेयरमैन शैलेंद्र पवार का कहना है कि 576 घरों में दरारें देखी जा चुकी हैं. इससे 3000 लोगों पर असर देखने को मिला है. इनमें से कई लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं. बता दें कि जोशीमठ में भूधंसाव (Subsidence) हो रहा है. शैलेंद्र पवान ने कहा कि मुख्य सड़कों पर भी दरारें बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से लोगों को चलने में काफी दिक्कत हो रही है. 

ऐसा बताया जा रहा है जोशीमठ में जमीन सिकुड़ रही है. नगर निगम के चेयरमैन शैलेंद्र पवाने कहा जोशीमठ के मारवाड़ी वार्ड में जमीन से पानी निकलने के बाद से वहां बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वो राज्य के मुख्यमंत्री धामी से मिल चुके हैं और इस पूरे मामले के बारे में जानकारी दे चुके हैं. 

लोगों ने छोड़ना शुरू किया अपना घर

हालांकि जोशीमठ में लोगों ने अपने घरों को छोड़ना शुरू कर दिया है और सुरक्षित जगहों पर जाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा सर्दी का समय और भूस्खलन भी यहां एक बड़ा खतरा बना रहता है. जोशीमठ के 9 वार्ड बूरी तरह से प्रभावित हैं. घरों की दिवारों पर फर्श पर पड़ रही दरारें गहरी होती जा रही हैं. 

CM धामी करेंगे दौरा

जोशीमठ में हो रही इस बड़ी घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Puhskar Singh Dhami) ने वहां का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वो जोशीमठ जाएंगे और वहां का दौरा करेंगे. सभी रिपोर्ट्स को मॉनिटर किया जाएगा और उचित कदम उठाए जाएंगे. 

क्यों सिकुड़ रहा है जोशीमठ?

बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गाज रेल लिंक, जिसकी लंबाई 125 किलोमीटर है पर काम चल रहा है. ऐसा दावा है कि ये देश की सबसे बड़ी रेलवे टनल है. ऐसे में टनल को बनाने के लिए पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है, अंदर से ब्लास्ट किया जा रहा है. रिसर्चर्स का कहना है कि इससे नेचुरल वाटर ड्रैनेज की समस्या पैदा होगी. इसके अलावा गैर जरूरी कंस्ट्रक्शन की वजह से भी पहाड़ों में स्टोर पानी बाहर निकल रहा है, जिसकी वजह से जोशीमठ की सड़कों और घरों में भयानक दरारें देखने को मिल रही हैं.