बीतें दिनों मीडिया में एक खबर ने काफी चर्चाएं बटोरी, जिसमें दावा किया गया कि संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) में ऐसा बिल लाया जाएगा, जो भारत की खूफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau) को एफआईआर दर्ज करने, मामले की जांच करने और लोगों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने का अधिकार प्रदान करेगा. इंटेलिजेंस ब्यूरो, भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के तहत देश की घरेलू आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस एजेंसी है. बताते चलें कि इस साल संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने 7 दिसंबर से शुरू हो सकता है.

PIB Fact Check की पड़ताल में फर्जी निकला दावा

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मीडिया के जरिए देश की आम जनता तक तेजी से पहुंच रही ये खबर देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गई. खबर की गंभीरता को देखते हुए PIB Fact Check ने इसकी पड़ताल की और पाया कि मीडिया द्वारा सर्कुलेट की जा रही ये खबर पूरी तरह से फर्जी है. PIB Fact Check की मानें तो इंटेलिजेंस ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने, मामले की जांच करने और लोगों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

बताते चलें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो एक खूफिया एजेंसी है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए काम करती है. आईबी का मुख्य काम देश में आतंकवाद, उग्रवाद, देश विरोधी एक्टिविटीज के खतरे को पहचानकर, उससे जुड़ी बारीक से बारीक जानकारियां जुटाकर देश की सुरक्षा करना है.

PIB Fact Check ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर दी जानकारी

PIB Fact Check ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, ''कुछ मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा जिसके द्वारा इंटेलिजेंस ब्यूरो प्राथमिकी दर्ज कर सकता है, मामले की जांच कर सकता है और लोगों को पूछताछ के लिए बुला सकता है. ये दावा फर्जी है. ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.''