Influenza B Virus: भारत में कोरोना संक्रमण को अस्तित्व में आए हुए आज 3 वर्ष हो चुके हैं, इन तीन वर्षों में भारत मे खांसी जुकाम बुखार तो जैसे दिन और रात की तरह आम हो गया है और उससे ज्यादा आम भारत मे वायरस के नए-नए वैरिएंट हो गए है जो लगभग हर महीने भारतीयों को सर्दी जुकाम बुखार दे रहे हैं. इसी कड़ी में भारत में इस समय Influenza B नाम का वायरस भारतीयों को सर्दी जुकाम बुखार से पीड़ित कर रहा है. आंकड़ों की मानें तो भारत में इस समय हर 5 में से 1 सर्दी जुकाम बुखार पीड़ित मरीज Influenza B वायरस से पीड़ित हो रहा है. यानी H3N2 अभी गया नहीं और Influenza B नाम के नए वायरस ने दस्तक दे दी है. राजधानी दिल्ली की 3 बड़ी लैब्स की ओर से टेस्ट किये गए सैंपलों के विश्लेषण में सामने आया है कि जहां जनवरी महीने में दिल्ली में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार पीड़ित मरीजों में Influenza B 5% में मिल रहा था तो फरवरी में यह आंकड़ा बढ़कर 10% हो गया और आज मार्च में यह आंकड़ा 30 से 40% तक पहुंच गया है, यानी दिल्ली में सर्दी-जुकाम-बुखार से पीड़ित हर 10 में से 4 व्यक्ति इन्फ्लुएंजा बी वायरस से पीड़ित है.

दिल्ली में घट रहे हैं H3N2 के मामले

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इसी तरह H3N2 के मामले अब दिल्ली में घट रहे हैं. जहां जनवरी में सर्दी-खांसी-जुकाम-बुखार से पीड़ित 50% मरीज H3N2 से पीड़ित थे तो फरवरी में यह संख्या घट कर 20% हो गयी और मार्च में सिर्फ 10%. यानी आज देश की राजधानी में H3N2 नहीं इन्फ्लूएंजा बी ज्यादा कोहराम मचा रहा है. आज डॉक्टर सर्दी-जुकाम-बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए लैब के टेस्ट पर ही निर्भर हैं क्योंकि यही लक्षण कोरोना के भी हैं, H3N2 के भी और इन्फ्लूएंजा बी के भी. ऐसे में यह नया वायरस डॉक्टरों और मरीजों दोनो के लिए सिरदर्द बना हुआ है.

Influenza B वायरस है क्या और इसके लक्षण क्या हैं?

अब आप सोच रहे होंगे कि यह इन्फ्लूएंजा बी वायरस है क्या? वैज्ञानिकों के मुताबिक मनुष्य को संक्रमित करने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस तीन प्रकार का होता है; A,B C और D. इन्फ्लूएंजा बी इंसानों में होता है और सीजनल फ्लू का ही एक प्रकार है. इन्फ्लुएंजा बी के लक्षणों की बात करें तो इसमें खांसी, नाक का बहना, छींके, गले मे खराश, सिर दर्द, बुखार, थकावट, शरीर मे दर्द आम होता है और शायद आप में ज्यादातर लोग आज इससे पीड़ित भी हो. हालांकि ये गंभीर बीमारी में नहीं बदलता. आमतौर पर मरीज ठीक हो जाते हैं लेकिन h3n2 की तरह इस बीमारी से भी बुजर्गो, बच्चों और बहुत बीमार लोगों को सावधान रहना चाहिए. 

इंफ्लुएंजा A और बी में क्या फर्क है?

A- गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. फिलहाल इसके सब टाइप h3n2  और h1n1 फैले हुए हैं. 

B - गंभीर बीमारी नहीं बनता. इंफ्लुएंजा बी के सब टाइप नहीं हैं. बाकी वायरस की तरह इसके वेरिएंट हो सकते हैं. 

A - इंसानों के साथ पक्षियों में भी फैल सकता है. इंफ्लुएंजा A का सब टाइप h1n1 birds में फैलता है. 

B - सिर्फ इंसानों में संक्रमण होता है. 

A - महामारी बन सकता है. 

B - संक्रमण तेजी से फैलता है लेकिन बड़ी महामारी नहीं बनता. 

Closing VO : अब अगर आप भी इन्फ्लूएंजा बी वायरस से पीड़ित हैं तो सबसे पहले तो आपको परेशान होने की जरूत नहीं है क्योंकि यह इन्फ्लूएंजा A के मुकाबले कम खतरनाक है और माइल्ड है लेकिन सावधानी बरतना और डॉक्टर की परामर्श से दवा लेना बिल्कुल भी मत भूलिएगा जिससे कोरोना की तरह आप इससे भी आसानी से पार पा सकते हैं. 

Ifluenza B Dos and Dont's

बुजुर्ग लोग, कमजोर इम्युनिटी वाले और दिल के मरीज साल में एक बार फ्लू वैक्सीन लगवा सकते हैं. 

अगर आप भी इन्फ्लूएंजा बी से पीड़ित हैं तो खूब सारा पानी पीजिए, फल खाइए.

घर से निकलते वक्त मास्क जरूर लगाएं,

सैनिटाइजर अपने पास रखें.

घर पहुँचने पर हाथ धो कर ही किसी चीज को छुएं.

अगर 3-5 दिन में बुखार ठीक ना हो, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

और हां बिना डॉक्टर के परामर्श के एंटीबायोटिक दवाएं बिल्कुल भी ना खाएं.

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