देश के दिग्गज कारोबारियों ने पूर्व विदेशी मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताते हुए हुए उन्हें तेजतर्रार वक्ता और महान नेता बताया. सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से एम्स में निधन हो गया. वह 67 साल की थीं.  महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अपने एक भावुक ट्वीट में उन्होंने मदर इंडिया बताते हुए कहा कि आपको हम फिर कभी नहीं देख पाएंगे.

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मदर इंडिया

दरअसल सुषमा स्वराज ने निधन से ठीक पहले ट्वीट करके कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने के फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी और लिखा था, ''प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी.'' इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए आनंद महिंद्रा ने लिखा, ''इस दिन को देख लिया आप ने लेकिन आपको हम फिर कभी ना देख पाएँगे... मदर इंडिया ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें... आप अपने साथ एक अरब से ज्यादा लोगों का स्नेह और प्रेम रखती हैं.''

महान नेता

अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने ट्वीट में कहा , ''भारत ने एक महान नेता खो दिया है. देश के लिए आपका योगदान प्रेरणादायक है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.''

तेजतर्रार वक्ता

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि सुषमा स्वराज के निधन से भारतीय राजनीति के शानदार अध्याय का अंत हो गया है. उन्होंने कहा, ''वह अपनी आवाज से जनता को मंत्रमुग्ध करने वाली तेजतर्रार वक्ता के रूप में जानी जाती थीं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में आतंकवाद पर भारत का पक्ष मजबूत किया था.''

सुनील भारती मित्तल ने कहा, ''मुझे मोबाइल उद्योग में अपने शुरुआती सालों के दौरान उन्हें जानने का सौभाग्य मिला. उस महत्वपूर्ण समय में उनके पास दूरसंचार मंत्रालय की जिम्मेदारी थी. उन्होंने कम समय में ही जटिल मुद्दों को समझ लिया और कुछ अहम और परिवर्तनकारी नीतियां पेश कीं.''

करुणा और गरिमा

एसोचैम के अध्यक्ष बीके गोयनका ने सुषमा स्वराज को महान नेता बताया. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश मंत्री के तौर पर अपनी पेशेवर योग्यता और करुणा के साथ गरिमा को जोड़ा.

भारतीयों की रक्षक

आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने ट्वीट में कहा, ''वह मेहनती, लोकप्रिय, बेहतरीन इंसान, वाकपटु और विदेश में फंसे भारतीयों की रक्षक थीं. उनके विदेश मंत्री रहने के दौरान मेरी उनसे कई बार मुलाकात हुई , मैंने उन्हें सक्रिय और लोगों का ध्यान रखने वाला पाया. भारत का तिरंगा उनके दिल में बसता था.''