Pneumosil vaccine: कोविड-19 वैक्सीन को लेकर तो आप काफी दिनों से सुनते आ रहे हैं. यह कब लोगों तक पहुंचेगी, इसको थोड़ी देर के लिए विराम दीजिए और अब जानिए शानदार खबर. भारत ने निमोनिया की वैक्सीन (Pneumosil vaccine) डेवलप करने के मामले में सफलता की इबारत लिख दी है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) ने भारत की पहली स्वदेशी विकसित न्यूमोकोकल वैक्सीन न्यूमोसिल को आज लॉन्च कर दिया है. IANS की खबर के मुताबिक, इस मौके पर खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी मौजूद रहे. कंपनी ने उनकी उपस्थिति में इसे लॉन्च किया. वैक्सीन मैनुफैक्चरर सीआईआई ने आज जानकारी दी कि पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन न्यूमोसिल को लॉन्च किया गया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

10 साल की मेहनत रंग लाई 10 years of hard work paid off

न्यूमोसिल को सीरम इंस्टीट्यूट, पीएटीएच और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक दशक में सहयोग से डेवलप किया गया है. इसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जो कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन सामर्थ्य में सुधार लाने और निचले और मध्यम आय वाले देशों के लिए स्थायी पहुंच को सक्षम बनाएगा. यह वैक्सीन बच्चों को न्यूमोकोकल रोगों (निमोनिया) के खिलाफ प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाला बचाव प्रदान करेगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने सराहा Health Minister appreciated

इस अवसर पर अपने हर्षवर्धन ने संबोधन में कहा कि यह देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि बच्चों को एक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली वैक्सीन के साथ न्यूमोकोकल बीमारी से बेहतर तरीके से बचाया जा सके. 

शानदार इम्यूनिटी कवरेज मिलेगा Great immunity coverage

न्यूमोसिल के लॉन्च के बारे में, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि सालों से हमारा निरंतर प्रयास रेगुलर सप्लाई के साथ हाई क्वालिटी वाले वैक्सीन उपलब्ध कराना रहा है, जो दुनियाभर में बच्चों और परिवारों के लिए शानदार इम्यूनिटी कवरेज सुनिश्चित करता है. उन्होंने कहा कि यह बच्चों को न्यूमोकोकल बीमारी से बचाने के लिए एक आदर्श विकल्प है.

पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए होगा वरदान Children below five years will be benefited

अदार पूनावाला ने कहा कि इस बीमारी की वजह से दुनियाभर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरा बना रहता है. 2018 में इस वजह से 67,800 बच्चों की मौत पांच साल से कम उम्र में हो गई. ऐसे बच्चों को बचाने में यह वैक्सीन कारगर रहेगी. सीरम इंस्टीट्यूट वह दवा कंपनी है, जो भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल और प्रोडक्शन कर रही है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें