ट्रेन कैंसिल और मुसाफिर को खबर ही नहीं! Railway को भरना पड़ा 15,000 रुपए हर्जाना
राहत की बात ये है कि कंज्यूमर को कष्ट हुआ तो माफी किसी को नहीं. चाहे वो Indian Railways ही क्यों न हो. आपको सुनाते हैं ऐसे ही एक कंज्यूमर पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.
सोचिए, आप लगेज लेकर कूच करने वाले हों और पता चले ट्रेन कैंसिल हो गई. वैसे आमतौर पर ऐसा होता नहीं. आम तौर पर तो ट्रेन कैंसिल होने की जानकारी एडवांस में मिल जाती है. खाते में रिफंड भी आ जाता है. आप यात्रा मुल्तवी कर देते हैं या दूसरी ट्रेन तलाश लेते हैं. लेकिन भई, एशिया का सबसे बडा रेल नेटवर्क है अपना. और 135 करोड़ की आबादी भी है. तो तमाम सिस्टम के बाद भी कुछ न कुछ लोचा तो हो ही जाता है. लेकिन राहत की बात ये है कि कंज्यूमर को कष्ट हुआ तो माफी किसी को नहीं. चाहे वो Indian Railways ही क्यों न हो. आपको सुनाते हैं ऐसे ही एक कंज्यूमर पी रामचंद्र राव का किस्सा जिन्होंने भारतीय रेलवे को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.
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