India US Drone Deal: भारत के रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने अमेरिका के साथ हुए ड्रोन सौदे  में मूल्य घटक के साथ अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर सोशल मीडिया में साझा की जा रही रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद के लिए कीमत एवं अन्य शर्तों को अभी तय नहीं किया है. मंत्रालय ने कहा कि वह ड्रोन खरीद लागत की तुलना इसके विनिर्माता जनरल एटॉमिक्स (जीए) द्वारा अन्य देशों को बेची गई कीमत से करेगा और खरीद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने ड्रोन खरीद समझौते को मंजूरी दी थी. 

सौदे की कीमत अभी तय नहीं

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रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में ड्रोन सौदे से संबंधित कीमत और खरीद की शर्तों पर सोशल मीडिया में प्रसारित की जा रहीं रिपोर्ट को अटकलबाजी बताया और कहा कि इन्हें 'किसी प्रयोजन' से फैलाया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि इसके निहित स्वार्थ हैं और इनका उद्देश्य उचित अधिग्रहण प्रक्रिया को बाधित करना है. खरीद की कीमत और अन्य शर्तों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इस पर बातचीत हो रही है.

क्या है ऑर्डर

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 15 जून, 2023 को विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) के माध्यम से अमेरिका से तीनों सेनाओं के लिए 31 एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन) हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (एचएएलई) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AON) प्रदान की. स्‍वीकृति में संबंधित उपकरणों के खरीदे जाने वाले मानव रहित विमानों की संख्या शामिल थी.

आवश्‍यकता की स्‍वीकृति के तहत अमेरिकी सरकार द्वारा प्रदान की गई 3,072 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत का उल्लेख किया है. हालांकि अमरीकी सरकार का नीतिगत अनुमोदन प्राप्त होने के बाद इसकी खरीद मूल्य को लेकर बातचीत की जाएगी. रक्षा मंत्रालय (MOD) जनरल एटॉमिक्स (GA) द्वारा अन्य देशों को दी जाने वाली सर्वोत्तम कीमत के साथ अधिग्रहण लागत की तुलना करेगा. कार्य प्रगति पर है और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पूरा कर लिया जाएगा.

क्या है आगे का प्रोसेस

विदेशी सैन्‍य खरीद रूट के तहत अमेरिकी सरकार को एक अनुरोध पत्र भेजा जाएगा, जिसमें तीनों सेवाओं की आवश्यकताओं, उपकरणों का विवरण और खरीद की शर्तों को शामिल किया जाएगा. अनुशंसा के आधार पर, अमेरिकी सरकार और रक्षा मंत्रालय प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र को अंतिम रूप देंगे, जहां उपकरणों के विवरण और खरीद की शर्तों पर बातचीत की जाएगी और विदेशी सैन्‍य खरीद  कार्यक्रम और अमेरिकी सरकार और जीए द्वारा अन्य देशों को दी जाने वाली कीमत और शर्तों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

इस बीच, सोशल मीडिया के कुछ वर्गों में कीमत और खरीद की अन्य शर्तों का उल्लेख करते हुए कुछ अटकलों की  रिपोर्ट सामने आईं हैं ये अवांछित हैं, इनके गुप्त उद्देश्य हैं और इनका उद्देश्य उचित अधिग्रहण प्रक्रिया को बाधित करना है. इस संबंध में सभी से अनुरोध किया जाता है कि वे भ्रामक खबर न फैलाएं ओर गलत जानकारी न दें. ऐसी भ्रामक खबरें सशस्त्र बलों के मनोबल पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है और अधिग्रहण प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

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