भारत सरकार नेपाल में बन रहे रक्सौल-काठमांडू रेल मार्ग में 4,000 करोड़ की राशि का निवेश करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में जल्द ही निवेश किया जाएगा जिससे आने वाले पांच सालों में ये रेलमार्ग बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट की खास बात ये है कि ये रेल मार्ग भारत के सीमावर्ती शहर रक्सौल को नेपाल की राजधानी काठमांडू में मदद करेगा. इस पूरे रेलमार्ग में 31 स्थानों पर सुरंग का निर्माण होगा साथ ही रक्सौल से काठमांडू के बीच 18 बड़े पुल, 101 मध्य स्तर के पुल और 122 छोटे पुल का निर्माण भी किया जाएगा.

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क्या कहती है रिपोर्ट

कोंकण रेलवे की तरफ से एक रिपोर्ट तैयार कि गई है जिसमें ये अनुमान लगाया गया है कि इस रेलमार्ग के निर्माण में करीबन 4000 करोड़ का खर्च हो सकता है. बता दें कि रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग पर रक्सौल-वीरगंज-बेल्हवा-मनहर्वा-सपही बाजार-निजगढ-मकवानपुर-दियाल-शिखरपुर-सिस्नेरी-सतिखेल और चोभार स्टेशन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसमें रक्सौल से काठमांडू तक कुल 170.96 किमी की दूरी है.

बनाई जाएगी डबल लाइन

रक्सौल से शिखरपुर तक सिंगल लाइन और शिखरपुर से चोभार काठमांडू तक डबल लाइन बनाई जाएगी ऐसा माना जा रहा है कि सिंगल लाइन 90.065 किलोमीटर और डबल लाइन 46.725 किलोमीटर की होगी. शिखरपुर से काठमांडू तक की डबल लाइन के रास्ते में अधिकांश सुरंग मार्ग और ऊंचे-ऊंचे पुल का निर्माण का भी प्रस्ताव रखा गया है.

इतनी सुरंगों का होगा निर्माण

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे रेल मार्ग पर 31 स्थानों पर सुरंग का निर्माण करना होगा, जिसकी कुल लम्बाई 40.865 किमी. होगी, साथ ही रक्सौल से काठमांडू के बीच 18 बड़े पुल, 101 मध्य स्तर के पुल और 122 छोटे पुल का निर्माण भी किया जाएगा.

ओवरहेड और अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव

पूरे रेलमार्ग में दो ओवरहेड और 17 अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. रेलमार्ग पूरी तरह से इलेक्ट्रीफाइड होगा जिस पर पैसेंजर ट्रेन 120 किमी. की गति से चल सकती है और मालवाहक ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 80 किमी से चल सकती है.  

इनपुट पीबीएनएस

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