LAC पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का तोड़ भारत ने निकाल लिया है. वह पुराने दोस्‍त रूस (Russia) के सहयोग से अत्याधुनिक एके-203 (AK-203 rifle) रायफल भारत में बनाने की तैयारी कर रहा है. इस समझौते की नींव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्‍को यात्रा के दौरान पड़ी थी. इसके तहत भारत और रूस ने एक बड़े समझौते को अंतिम रूप दे दिया है. इस राइफल में 7.62 एमएम की गोलियों का इस्‍तेमाल होता है. यह महज 1 मिनट में 600 गोलियां दाग सकती है.

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PTI की खबर के मुताबिक आधिकारिक रूसी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है. इसमें Ak-203 rifle, AK-47 रायफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है. यह ‘इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (Insas) 5.56 गुणा 45 मिमी रायफल की जगह लेगी.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक Indian army को लगभग 7,70,000 Ak-203 rifle की जरूरत है, जिनमें से 1 लाख का आयात होगा और बाकी भारत में बनेंगी. हालांकि, इस समझौते को अंतिम रूप देने की भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

खबर के मुताबिक इन रायफलों को भारत में संयुक्त उद्यम भारत-रूस रायफल प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) के तहत बनाया जाएगा. इसकी स्थापना आयुध निर्माण बोर्ड (OFB) और कलाशनीकोव कंसर्न और रोसोबोरेनेक्सपोर्ट के बीच हुई है.

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खबर के मुताबिक कोरवा आयुध फैक्टरी में 7.62 गुणा 39 मिमी के इस रूसी हथियार का निर्माण होगा, जिसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल किया था.

खबर के मुताबिक एक रायफल पर करीब 1,100 डॉलर की लागत आने की उम्मीद है, जिसमें टेक्‍नोलॉजिकल ट्रांसफर लागत और मैन्‍युफैक्‍चरिंग इकाई की स्थापना भी शामिल है.

स्पुतनिक की खबर के मुताबिक Insas रायफलों का इस्तेमाल 1996 से किया जा रहा है. उसमें जाम होने, हिमालय पर अधिक ऊंचे स्थानों पर मैगजीन में समस्या आने जैसी परेशानियां पेश आ रही हैं.