भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे हम, दीमक की तरह देश को कर रहे है खोखला- PM मोदी
Independence Day 2022: लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि, 'इन दोनों विकृतियों का अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो ये विकराल रूप ले सकती हैं.'
Independence Day 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आजादी की 75वीं सालगिरह पर देशवासियों के सामने भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का आह्वान करते हुए इस जंग में उनसे उनका साथ मांगा है. लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि,'इन दोनों विकृतियों का अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो ये विकराल रूप ले सकती हैं.'
देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं
पीएम मोदी ने कहा कि, 'देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद...परिवारवाद.' उन्होंने आगे कहा कि, 'भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वह लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है... दूसरी तरफ वह लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है... यह स्थिति अच्छी नहीं है. इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है.
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देश को खोखला कर रहा है भ्रष्टाचार
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है और उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है और इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर ही जाना है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे 130 करोड़ देशवासी आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए.’’
उन्होंने कहा कि परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और उसके कारण मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है. देश के सामर्थ्य को नुकसान होता है. भ्रष्टाचार का एक कारण परिवारवाद भी बन जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक इसके खिलाफ नफरत पैदा नहीं होगी तब इन संस्थाओं को नहीं बचा पाएंगे.
हिंदुस्तान की राजनीति का शुद्धिकरण
पीएम ने कहा कि राजनीति में परिवारवाद परिवार की भलाई के लिए होता है और उसे देश की भलाई से कोई लेना देना नहीं होता. उन्होंने आह्वान किया कि हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए भी और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी... इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी. योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर हमें बढ़ना होगा. यह अनिवार्यता है.