एक ताजा फैसले में यह स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी उपभोक्ता के पास एक से अधिक मोबाइल नंबर एक ही कंपनी का है और एक नंबर के साथ किसी तरह का विवाद है तो कंपनी उस उपभोक्ता के दूसरे नंबर को बंद नहीं कर सकती. इस कंपनी को उपभोक्ता के दूसरे नंबर को चालू करने के आदेश दिए गए हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह मामला सितंबर 2017 का है. दरअसल, एक पुलिस इंस्पेक्टर संजय गोस्वामी 10 साल से एयरटेल कंपनी के दो मोबइल नंबर का इस्तेमाल करते आ रहे थे. लेकिन नेटवर्क संबंधी समस्या को लेकर उन्होंने सितंबर 2017 में अपना नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट करा लिया. कंपनी का दावा था कि उपभोक्ता के पास 890 रुपये का बकाया है, जबकि उपभोक्ता यानी पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि यह बिल उस अवधि का है जब उस मोबाइल नंबर पर एयरटेल की सर्विस बंद हो चुकी थी. 

कंपनी ने इस विवाद के चक्कर में उपभोक्ता के दूसरे मोबाइल नंबर को भी अक्टूबर 2017 में बंद कर दिया. यहां बता दें कि उपभोक्ता द्वारा बिल का भुगतान नियमित रूप से किया जा रहा था.

 

हिन्दुस्तान अखबार की खबर के मुताबिक, कंपनी ने उपभोक्ता अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि इस मामले में सुनवाई दूरसंचार नियामक TRAI ही कर सकती है. इस पर उपभोक्ता अदालत ने टेलीग्राफ कानून 1985 और राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामले में अदालत को विवाद निपटाने का पूरा अधिकार है.