कोरोना से जंग जीतेगा हिंदुस्तान! कई देशों की मदद के बाद भी है Hydroxychloroquine का तीन गुना स्टॉक
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) महामारी covid 19 पर नियंत्रण के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा को काफी कारगर माना जा रहा है. कई देश इस दवा का इस्तेमाल अपने यहां कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए कर रहे हैं. वहीं भारत इस दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन करता है. ऐसे में दुनिया के कई देशों ने भारत से ये दवा मांगी है. भारत कई देशों को ये दवा उपलब्ध भी करा रहा है. लेकिन भारत ने अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पहले ही इस दवा को स्टॉक कर लिया है.
कोरोना वायरस (coronavirus outbreak in india) महामारी covid 19 पर नियंत्रण के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा को काफी कारगर माना जा रहा है. कई देश इस दवा का इस्तेमाल अपने यहां कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए कर रहे हैं. वहीं भारत इस दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन करता है. ऐसे में दुनिया के कई देशों ने भारत से ये दवा मांगी है. भारत कई देशों को ये दवा उपलब्ध भी करा रहा है. लेकिन भारत ने अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए पहले ही इस दवा को स्टॉक कर लिया है.
देश में है तीन गुना स्टॉक
भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक देश को फिलहाल लगभग 1 करोड़ (Hydroxychloroquine) #HCQS टेबल की आवश्यकता होगी, इसको देखते हुए देश में 3.28 करोड़ टैबलेट का स्टॉक रखा गया है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक घरेलू आवश्यकता और (Hydroxychloroquine) #HCQ का उत्पादन 100% सुनिश्चित किया गया है, यह केवल आज के लिए भी नहीं बल्कि आने वाले समय में भी इस दवा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उत्पादन को बढ़ाने की व्यवस्था की गई है.
सिर्फ सरकारों को दी जा रही दवा
भारत मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine), जिसकी इस समय दुनियाभर में बहुत अधिक मांग है, का एक्सपोर्ट सिर्फ विदेशी सरकारों (Governments of other countries) को ही कर रहा है. आपात स्थित को देखते हुए ये दवाएं किसी भी निजी कंपनियों (Private Companies) को इसे नहीं बेचा जा रही हैं. यह प्रॉडक्ट इस समय एक्सपोर्ट के लिए प्रतिबंधित श्रेणी में है, इसलिए यह फैसला किया गया है. हालांकि, इस दवा का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन भारत सरकार ने कोरोनावायरस (CoronaVirus) महामारी का मुकाबला करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता के चलते इसका निर्यात करने का फैसला किया है.
इन देशों को दी जा रही है मदद
खबरों के मुताबिक भारत पर निर्भर मित्र देशों जैसे नेपाल, श्रीलंका और भूटान सहित कई अन्य मित्र देशों को इस दवा का निर्यात किया जा रहा है. सरकार ने इस दवा के निर्यात के लिए खास व्यवस्था बनाई है. खबरों के मुताबिक जिन देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का आयात करना है, उन्हें विदेश मंत्रालय के जरिए अपना आवेदन देना होगा. इसके बाद औषधि विभाग उस देश द्वारा मांगी गई मात्रा का आकलन करेगा और भारत में उपलब्धता तथा भारत के हितों के साथ समझौता किए बिना विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) को लाइसेंस देने या खेप जारी करने के लिए विभाग सीमा शुल्क अधिकारियों को इजाजत देने की सिफारिश करेगा.