नोएडा-ग्रेटर नोएडा में घर खरीदार परेशान, डिफॉल्ट बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
Noida-Greater Noida Homebuyers News: घर हम सबकी पहली और सबसे जरूरी जरुरत होती है. यही वजह है कि घर खरीदने से पहले काफी सोच-विचार किया जाता है.
Noida-Greater Noida Homebuyers News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरफ अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों को यह खबर पढ़नी चाहिए. घर हम सबकी पहली और सबसे जरूरी जरुरत होती है. यही वजह है कि घर खरीदने से पहले काफी सोच-विचार किया जाता है. अपने जीवन भर की पूंजी लगाने के बाद एक आम आदमी अपना घर खरीदता या बनवाता है, ऐसे में जरूरी हो जाता है कि वह घर से जुड़ा कोई भी काम काफी जांच-पड़ताल करने के बाद ही शुरू करें.
कई बार फ्लैट या जमीन बुक करने के बाद भी घर खरीदारों को कई तरह की मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने संपत्ति सलाहकार एनरॉक के एक रिपोर्ट के तहत बताया है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा की आवास परियोजनाओं में फ्लैट बुक करने वाले घर खरीदार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. जहां 1.18 लाख करोड़ रुपये की 1.65 लाख से अधिक इकाइयां ठप पड़ी हैं.
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घर खरीदारों को झेलनी पड़ती है मुश्किलें
एनरॉक ने अपने रिसर्च में सात बड़े संपत्ति बाजारों - दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में 2014 या उससे पहले शुरू की गई आवास परियोजनाओं को शामिल किया. घर खरीदारों के शीर्ष निकाय फोरम फॉर पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (एफपीसीई) ने पीटीआई से कहा कि प्रत्येक परियोजना में देरी के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए और समाधान किया जाना चाहिए.
बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
निकाय ने ग्राहकों को हो रही परेशानी पर चिंता जताई और डिफॉल्ट करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की. एनरॉक के आंकड़ों के अनुसार 31 मई 2020 तक इन सात शहरों में 4,48,129 करोड़ रुपये की 4,79,940 इकाइयां ठप थीं या अत्यधिक देरी से चल रही थीं. इसमें से अकेले दिल्ली-एनसीआर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जहां 1,81,410 करोड़ रुपये की 2,40,610 इकाइयां ठप हैं या देरी से चल रही हैं.
एनरॉक ने दिल्ली-एनसीआर के आंकड़ों का विस्तृत ब्योरा देते हुए कहा कि एनसीआर क्षेत्र में कुल ठप या विलंबित इकाइयों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि गुरुग्राम का हिस्सा केवल 13 प्रतिशत है.