Himachal Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022: देवभूमि हिमाचल प्रदेश में आज विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग का सिलसिला शाम 5 बजे तक चलेगा. इसी के साथ हिमाचल की सत्‍ता का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही अपने-अपने क्षेत्रों में अच्‍छी खासी पकड़ है. यही वजह है कि 1985 के बाद से अब तक यहां बारी-बारी से कांग्रेस और भाजपा दोनों शासन करते आए हैं. लेकिन इस बार जहां बीजेपी इस रिवाज को तोड़कर सत्‍ता में आने पर पूरा जोर लगा चुकी है, तो वहीं कांग्रेस ने भी राज को बदलने के लिए पूरी कोशिश की है.

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ट्रेंड को देखते हुए लगता है कि इस बार कांग्रेस, भाजपा को मात दे सकती है, लेकिन सियासी समीकरणों पर नजर डालें तो लगता है कि भाजपा खुद को सत्‍ता में बनाए रखने में सफल भी हो सकती है. वैसे तो 8 दिसंबर को ये स्‍पष्‍ट हो जाएगा कि इस बार हिमाचल की सत्‍ता पर किसका राज होगा. लेकिन वोटों का समीकरण क्‍या कहता है, आइए इस पर बात करते हैं-

कहां मजबूत है भाजपा और कहां कांग्रेस

हिमाचल प्रदेश में कुल 12 जिले हैं, जो अपर हिमाचल और लोअर हिमाचल में बंटे हुए हैं. हिमाचल में रहने वाले लोग भले ही इस बंटवारे को तवज्‍जो नहीं देते हों, लेकिन जब बात सियासत की होती है, तो सियासी दल इन क्षेत्रों पर खूब जोर देते हैं. माना जाता है कि अपर हिमाचल में कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जाती है तो लोअर हिमाचल में भाजपा का दबदबा कायम है.

ये हैं चुनावी आंकड़े

अगर हिमाचल प्रदेश में पिछले दो विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस की तुलना में बीजेपी के पास ज्‍यादा मजबूत सीटें हैं. हिमाचल की 18 सीटें ऐसी हैं, जिन पर भाजपा ने पिछले चुनावों से अपना कब्‍जा बनाए रखा है. वहीं 12 सीटों पर कांग्रेस का वर्चस्‍व कायम है. हालांकि इनमें से कई सीटें ऐसी भी हैं, जिनमें भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत का बहुत ज्‍यादा मार्जन नहीं है. ऐसे में इस बार क्‍या होगा, इस पर कुछ भी स्‍पष्‍ट तौर पर नहीं कहा जा सकता.

क्‍या कहते हैं पिछले चुनावी आंकड़े

अगर साल 2017 के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में से 8 जिलों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले बढ़त मिली थी, जबकि 4 जिलों में कांग्रेस आगे थी. कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, सिरमौर, लाहौल स्पीती और ऊना में भाजपा आगे थी, वहीं हमीरपुर, किन्नौर, शिमला और सोलन जिले में कांग्रेस के पास भाजपा से ज्‍यादा सीटें आयीं थीं.

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जातीय समीकरण भी जानें

वैसे तो हिमाचल की सियासत में जाति के आधार पर राजनीति नहीं हुई है, लेकिन फिर भी वहां राजपूतों  का दबदबा देखा गया है. हिमाचल में सबसे ज्यादा राजपूत 37.5 फीसदी हैं. राजपूतों के बाद दलित समुदाय 26.6 फीसदी हैं. इसके अलावा ब्राह्मण समुदाय 18 फीसदी, गद्दी 1.5 फीसदी और अन्य जातियां 16.5 फीसदी हैं, जिनमें ओबीसी शामिल हैं.