Heat Wave in India: देश में गर्मी का सितम शुरू हो गया है और कई राज्य लू की चपेट में हैं. कुछ जगहों पर तो पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है, वहीं दक्षिण के राज्यों में तापमान 42-43 डिग्री तक पहुंच गया है. यहां तक की देश के कई राज्यों में लू का ऑरेंज अलर्ट भी जारी हो गया है. वहीं महाराष्ट्र में बीते रविवार को हीटवेव की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई और 600 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हीटवेव को देखते हुए अलग-अलग राज्य सरकारों ने एक्शन ले लिया है और दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. बता दें कि हीटवेव के दौरान घर से बहुत जरूरी काम ना होने पर ना निकलने की सलाह दी गई है. 

कई राज्यों में बढ़ा लू का खतरा

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भीषण गर्मी को देखते हुए पश्चिम बंगाल में सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेज इस हफ्ते बंद रखने का आदेश दिया है. मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही आज पंजाब और हरियाणा में भी लू चलेगी. इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. 17 और 18 अप्रैल को पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की आशंका है. पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाकों में बीते छह दिनों से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बीते चार दिनों से और बिहार में बीते दो दिनों से लू चल रही है.

लू या हीटवेव क्या है?

हीट वेव अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है. जब तापमान किसी दिए गए क्षेत्र के ऐतिहासिक औसत से अधिक हो जाता है तो उसे हीट वेव या लू कहते हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू चलने लगती है. यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है. तटीय क्षेत्रों में जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो हीट वेव चलने लगती है.

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सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से बचें 

अधिकांश हमने देखा है की लोग गर्मी के मौसम में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा करते हैं. इसमें भारी मात्रा में शुगर और हानिकारक प्रिज़र्वेटिव होते है जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं. सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करने से जहां एक ओर वजन बढ़ता है वहीं दूसरी ओर डायबिटिज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. लेकिन अगर सॉफ्ट ड्रिंक की जगह पर हम देसी ड्रिंक जैसे सत्तू का शरबत, शिकंजी, नारियल पानी, लस्सी या फिर मट्ठा का इस्तेमाल करते हैं तो ये स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी होते हैं और शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करते हैं. इसके अलावा गर्मी में बेल के शरबत गरम हवाओं के प्रभाव से शरीर को बचाता है.

ज्यादा तेल-मसाले और तले-भुने भोजन से बचें

गर्मी के मौसम में कुछ बातों का खास ध्यान रखने की ज़रुरत होती है. इस मौसम में कम पानी पीने, बासी खाना, बाजार के पैक सामान का सेवन करने से बचना चाहिए. कॉफी और चाय का सेवन भी कम करना चाहिए. कॉफी और चाय डिहाइड्रेशन होने की सम्भावनाओं को बढ़ा देती हैं. इसके अलावा हल्के भोजन का सेवन करना चाहिए. इस तरह के भोजन को जहां पचाने में आसानी होती है वहीं एसिडिटी का खतरा भी काफी कम हो जाता है. गर्मियों में हल्के रंग और कॉटन के कपड़ों को प्रमुखता दें. तेज धूप में बाहर निकलते समय खुद को कवर करके ही निकलें. धूप का चश्‍मा पहनें. 

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