Health Insurance: कैशलेस इलाज का दायरा बढ़ा, ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों में मिल सकेगी सुविधा, IRDAI ने दी ये परमिशन
Health Insurance: इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस इलाज के लिए अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की आजादी दे दी. इंश्योरेंस कंपनियां अपने बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक अस्पतालों को पैनल पर ला सकती हैं.
Health Insurance: मरीजों को कैशलैस इलाज की सुविधा अब ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों में मिलेगी. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस इलाज के लिए अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की आजादी दे दी. इंश्योरेंस कंपनियां अपने बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक अस्पतालों को पैनल पर ला सकती हैं. इस फैसले से देश में कैशलेस सुविधाओं (cashless treatment) के स्टैंडर्ड को आसान बनाया है. अभी कैशलेस सेवाओं की पेशकश करने के लिए अस्पतालों को NABH का सर्टिफिकेट लेना जरूरी है और अस्पताल को ROHINI यानी Registrary of Hospitals in the Network of Insurers maintained by the Insurance Information Bureau में रजिस्टर होना भी जरूरी है.
किस अस्पताल को पैनल में रखा जाए,कंपनियों को होगी इसकी छूट
खबर के मुताबिक, आईआरडीएआई की तरफ से जारी परमिशन के बाद इंश्योरेंस कंपनी को इश बात की छूट होगी कि किस अस्पताल को पैनल में रखा जाए. बीमा सूचना ब्यूरो (आईआईबी) द्वारा अनुरक्षित अस्पताल रजिस्ट्री रोहिणी में रजिस्टर्ड नेटवर्क प्रदाता ही बीमाकर्ताओं की तरफ से लिस्टेड किए जा सकते हैं. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने यह भी कहा है कि बोर्ड की पॉलिसी में अस्पताल में न्यूनतम मैनपॉवर और हेल्थ संबंधी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखें. साथ ही यह भी कहा है कि बोर्ड द्वारा मंजूर पैनल के स्टैंडर्ड को समय-समय पर कंपनियों की वेबसाइट पर भी डाला जाना चाहिए.
हॉस्पिटल के नॉन ICU रूम पर जीएसटी
जीएसटी काउंसिल परिषद ने हाल ही में अपनी 47वीं बैठक में कई सारी वस्तुओं पर जीएसटी दरों को संशोधित किया है. इनमें हॉस्पिटल के नॉन ICU रूम भी शामिल हैं, जिसका किराया 5,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा है, पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाया है. हॉस्पिटल के रूम रेंट पर लगे इस GST का असर जल्द ही आपके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम (Health Insurance) पर भी पड़ सकता है.हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अलग से 18% GST लागू होता है. इसे देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को अपने हॉस्पिटल के पैकेज में भी बदलाव करना पड़ेगा.
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रिफाइलिंग में बदलेंगे प्रीमियम
बताया जा रहा है कि हॉस्पिटल के रूम रेंट पर इनपुट क्रेडिट टैक्स नहीं होने की वजह से हॉस्पिटल का खुल खर्च में बढ़ोतरी होगी और बढ़े हुए क्लेम के बाद इंश्योरेंस कंपनियां भी अपने प्रीमियम में बढ़ोतरी करेंगी. इंश्योरेंस कंपनियां अपनी अगली रिफाइलिंग में इन बढ़ी हुई GST दरों को ध्यान में रखेंगी.