H3N2 Influenza Virus: बीते कुछ समय में दिल्ली समेत इसके आस-पास के इलाके में वायरल बुखार जैसे मामलों से OPD भरे पड़े हैं. लोग साधारण फ्लू की शिकायत के साथ अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन हफ्तों तक बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा है. ये बीमारी न तो वायरल फ्लू है और न ही कोरोना वायरस. दरअसल ये है H3N2 Influenza वायरस. इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन के चेयरमैन और चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने बताया कि ये वायरस हर साल इस समय फैलता है. हालांकि समय के साथ ये म्यूटेट होता जा रहा है, जिसे हम एंटीजेनिक ड्रिफ्ट कहते हैं. H3N2 वायरस के चपेट में आने पर लोगों में मुख्य रूप से बुखार, गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. 

क्या है H3N2 वायरस

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डॉ गुलेरिया ने बताया, "हमारे लिए H1N1 कई साल पहले एक महामारी थी. उस वायरस का परिसंचारी तनाव (circulating strain) H3N2 के रूप में है और इसलिए यह एक सामान्य इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन है. लेकिन हमें आजकल इसके अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं, क्योंकि ये वायरस थोड़ा म्यूटेट हुआ है. इस कारण से हमारी इम्यूनिटी इसके सामने कमजोर पड़ जा रही है. ऐसे में जिन लोगों में बीमारी से लड़ने की क्षमता सामान्य से कम है, वे आसानी से इसके शिकार बन जा रहा हैं."

कितना खतरनाक है H3N2 वायरस

उन्होंने समझाया कि यह बूंदों के माध्यम से फैलता है और फिलहाल अस्पतालों में H3N2 के मामले काफी बढ़ गए हैं. लेकिन फिर भी चिंता की कोई बात नहीं है. 

डॉ गुलेरिया ने समझाया कि H3N2 वायरस हर साल थोड़ा सा बदलता है. मूल रूप से H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के परिवार से आता है. हर साल यह थोड़ा म्यूटेट होकर ये अपना सब टाइप बनाता है, जिसे एंटीजेनिक बहाव के रूप में जाना जाता है.

क्यों फैल रहे हैं H3N2 के मामले

डॉ. गुलेरिया ने बताया कि हर साल जब मौसम बदलता है तो इन्फ्लूएंजा होने की संभावना बढ़ जाती है. हम अब कोरोना महामारी के तनाव से बाहर निकल चुके हैं. लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, सड़कों और मार्केट में पहले की तरह भीड़ आ चुकी है. ऐसे में इस वायरस को फैलने का अधिक मौका मिल रहा है. 

H3N2 वायरस से बचने के लिए क्या करें?

अगर हमें वास्तव में खुद को इन्फ्लूएंजा होने से बचाना है, तो हमें ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है. हाथों को बार-बार धोना, भीड़भाड़ में जाने से बचना और मास्क, ये सभी हमें H3N2 वायरस के चपेट में आने से बचा सकते हैं. 

होली के समय रखें विशेष सावधानी

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि होली का त्योहार आ गया है, ऐसे में हमें पूरे मन से होली मनानी चाहिए. लेकिन लोगों को विशेष रूप से बुजुर्गों और उन लोगों को जिन्हें सांस संबंधी बीमारी, दिल की समस्या या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी है, उन्हें सावधान रहना चाहिए. भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें.

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