GST: सरकार माल एवं सेवा कर (GST) में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत 1 अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी (Lottery) की शुरुआत करने की योजना बना रही है जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रॉ में शामिल किया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है. अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी स्कीम ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रात्साहित करने के लिए सोची गई है. इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी.

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अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिये इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो. पीटीआई की खबर के मुताबिक, लॉटरी में एक पहले विजेता को चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा. राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे.

इसमें भाग लेने के लिये उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा. जीएसटी नेटवर्क इसके लिये एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है. यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध हो जाएगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (CBIC) के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं. जीएटी परिषद (GST Council) इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है.

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इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा. जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष (Consumer welfare fund) में रखा जाता है.