Greenwashing के मामले में पकड़े गए तो देना पड़ सकता है 1 करोड़ तक का जुर्माना, सरकार बना रही है ये प्लान
Govt new guidelines for Greenwashing 1 crore fine and punishment for false claims what is greenwashing
आजकल तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग ईको फ्रेंडली, ऑर्गेनिक, पॉल्यूशन फ्री आदि तमाम दावों के साथ करती हैं. ग्राहक कंपनी के इन दावों को सच मानकर वो प्रोडक्ट्स खरीद लेते हैं. लेकिन क्या वो दावे वाकई सच हैं, इसके बारे में पता नहीं होता. लेकिन अब ये सब बिना तथ्य के नहीं चल पाएगा. सरकार कंपनियों के ईको फ्रेंडली, ऑर्गेनिक, कार्बन न्यूट्रल, पॉल्यूशन फ्री, क्लीन, ग्रीन के निराधार दावों पर काफी सख्त है और इस पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है.
जानिए क्या है ग्रीन वॉशिंग
ग्रीनवॉशिंग एक ऐसी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी है जिसके तहत कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स, सर्विसेज या मिशन के पर्यावरणीय प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं. ग्रीन वॉशिंग में कंपनियां, पर्यावरण से जुड़े ऐसे दावे करती हैं जिनका मकसद पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव दिखाना होता है. इस दौरान प्रोडक्ट को ईको फ्रेंडली बताते हुए 'प्राकृतिक' या 'पर्यावरण के अनुकूल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है. जैसे आपका पेंट प्रदूषण कम करेगा, आपकी गाड़ी ईको फ्रेंडली है, आपका शैंपू ऑर्गेनिक है, आपकी क्रीम कार्बन फ्री और ग्रीन है वगैरह-वगैरह. इस तरह के दावे किस आधार पर किए जा रहे हैं, ऐसी जानकारी किसी को नहीं होती. अक्सर लोग कंपनी के इस तरह के झांसे में फंस जाते हैं और भरोसा करके प्रोडक्ट्स खरीद लेते हैं. लेकिन अब कंपनियां बिना तथ्य ऐसे दावे नहीं कर पाएंगी क्योंकि सरकार इस मामले में नई गाइडलाइंस ला रही है.
बिना तथ्य ऐसे दावों पर लगेगी रोक
सरकार अब बिना तथ्य और Verifiable Evidence ऐसे दावों पर रोक की तैयारी कर रही है. अगर कंपनी प्रोडक्ट को लेकर इस तरह का क्लेम करती है तो उसको सबूत देना होगा. जिस स्टडी/ रिसर्च के आधार पर दावा किया जा रहा है, उसका पूरा ब्यौरा देना होगा. ऐसे में ग्रीन और ऑर्गेनिक के नाम पर कंपनियां ग्राहकों से किसी तरह का धोखा अब नहीं कर पाएंगीं.
नई गाइडलाइंस में 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान
Greenwashing पर आज सरकार गाइडलाइंस ला सकती है. इसमें कंपनियों को दावे का आधार बताते हुए सबूत देना जरूरी होगा. ग्रीन सर्टिफिकेशन की सत्यता बताना अनिवार्य होगा. विज्ञापन, उत्पाद और पैकेजिंग समेत हर क्लेम के लिए जानकारी QR code के जरिए अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी. झूठा दावा पकड़े जाने पर 1 करोड़ तक का जुर्माना और सजा का प्रावधान होगा.