ESIC लाभार्थियों के लिए सरकार कर रही ये तैयारी, 14.43 करोड़ लोगों को मिलेगा बड़ा फायदा
केंद्र सरकार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) को जोड़ने पर काम कर रही है, ताकि आयुष्मान भारत के मेडिकल केयर बेनिफिट्स को ESIC के लाभार्थियों तक भी पहुंचाया जा सके.
ESIC लाभार्थियों के लिए बड़ा अपडेट है. केंद्र सरकार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) को जोड़ने पर काम कर रही है, ताकि आयुष्मान भारत के मेडिकल केयर बेनिफिट्स को ESIC के लाभार्थियों तक भी पहुंचाया जा सके. ऐसा होने पर 14.43 करोड़ ESI लाभार्थियों को फायदा मिलेगा. ये जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को दी.
पूरे भारत में मिलेगा क्वालिटी ट्रीटमेंट
मंत्रालय ने बताया कि ESIC केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में कार्यबल और उनके आश्रितों तक स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का विस्तार करने पर काम कर रहा है. ESIC को आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की सुविधाओं से जोड़ने का सीधा फायदा 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को होगा. इससे वे पूरे भारत में गुणवत्ता पूर्ण मेडिकल सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे.
रिटेबल हॉस्पिटल को भी लिस्टेड किया जाएगा
ईएसआईसी के महानिदेशक, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस स्कीम के शुरू होने के बाद ESIC लाभार्थियों को देश भर में 30,000 से अधिक AB-PMJAY के लिस्टेड अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा. यह लाभ ‘उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा के बिना’ प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह साझेदारी सभी लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा देगी. ESI लाभार्थियों के इलाज के लिए देश भर के चैरिटेबल हॉस्पिटल को भी लिस्टेड किया जाएगा.
10 वर्षों में ईएसआई योजना 687 जिलों में लागू की गई
मौजूदा समय में ईएसआई योजना 165 हॉस्पिटल, 1,590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस (डीसीबीओ) और लगभग 2,900 लिस्टेड प्राइवेट अस्पतालों के तहत मेडिकल केयर प्रदान करती है. पिछले 10 वर्षों में, ईएसआई योजना देश के 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू की गई है. 2014 में यह योजना 393 जिलों में थी. मंत्रालय ने कहा, ‘पीएमजेएवाई के साथ ईएसआई योजना को जोड़कर अब मेडिकल केयर की इस व्यवस्था को शेष गैर-कार्यान्वित जिलों तक बढ़ाया जा सकता है.