Covid Vaccine for Children: बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) देने को लेकर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है. केंद्र सरकार ने इसी साल से को-मॉर्बिड (comorbid) बच्चों को वैक्सीन लगाने का प्लान किया है. स्वस्थ बच्चों के लिए वैक्सीनेसन अगले साल की पहली तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वैक्सीनेशन के लिए बने राष्‍ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ZyCoV-D और Covaxin को एक साथ लॉन्‍च किया जा सकता है. मामला बच्चों से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहते. 

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

बच्चों के लिए तैयार हो रही चार कोरोना वैक्सीन

उम्मीद है कि अगले साल की पहली तिमाही तक भारत के पास बच्चों के लिए कोरोना की चार वैक्सीन उपलब्ध होगी. ZyCoV-D और Covaxin के अलावा देश में सीरम इंस्टीट्यूट की Covavax और बायोलॉजिकल ई कीवैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है.

मामले से जुड़े सोर्स ने बताया कि सरकार बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D और Covaxin को एक साथ लॉन्च करना चाहती है. लेकिन अभी तक सिर्फ ZyCoV-D को DCGI की मंजूरी मिली है. Covaxin को DCGI की मंजूरी मिलना अभी बाकी है. नवंबर के दूसरे हफ्ते में DCGI बैठक कर Covaxin पर फैसला ले सकता है. 

बच्‍चों के लिए कौन-कौन सी वैक्‍सीन

जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की बच्चों के लिए बनी कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को अगस्त में 12 से 17 साल के बच्‍चों पर आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी मिली थी. DCGI ने अभी भारत बायोटेक की वैक्‍सीन Covaxin को अप्रूवल नहीं दिया है. Covaxin के लिए सब्‍जेक्‍ट एक्‍सपर्ट कमिटी 2 से 17 साल के बच्‍चों पर इस्‍तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश कर चुकी है. बिना DCGI की मंजूरी के वैक्‍सीन को कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा सकता. ZyCoV-D और Covaxin के अलावा, सीरम इंस्टिट्यूट की Covavax और बायोलॉजिकल ई की वैक्‍सीन का बच्‍चों पर ट्रायल चल रहा है.

इन बच्चों को लगेगी पहले वैक्सीन

बच्चों के कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार जल्द नए गाएडलाइंस (Guidelines for Vaccination) जारी कर सकती है. इसके लिए को-मॉर्बिड बीमारियों (Comorbid) की लिस्ट तैयार की जारी है. प्रॉयरिटी लिस्‍ट में वे बच्‍चे शामिल होंगे जिन्‍हें हेमेटोलॉजिकल, न्‍यूरोलॉजिकल, कार्डियक, लिवर, गैस्‍ट्रोइंटेस्टिनल, रूमेटिक, कैंसर, रेस्पिरेटरी और डेवलपमेंटल डिसऑर्डर्स हैं.